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राजनीतिक लाभ के लिए किया जाता रहा है शोध का प्रयोग : डॉ. पंकज

दरभंगा। लनामिवि के समाजशास्त्र विभाग में भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली संपोषित दस दिवसीय कार्यशाला के आठवें दिन महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के राजनीती शास्त्र विभाग के डॉ. पंकज कुमार ने व्याख्यान दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 11:43 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 06:11 AM (IST)
राजनीतिक लाभ के लिए किया जाता रहा है शोध का प्रयोग : डॉ. पंकज
राजनीतिक लाभ के लिए किया जाता रहा है शोध का प्रयोग : डॉ. पंकज

दरभंगा। लनामिवि के समाजशास्त्र विभाग में भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली संपोषित दस दिवसीय कार्यशाला के आठवें दिन महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के राजनीती शास्त्र विभाग के डॉ. पंकज कुमार ने व्याख्यान दिया। शोध प्रस्ताव एवं शोध की राजनीति विषय पर बोलते हुए उन्होंने शोध प्रस्ताव को परिभाषित किया। कहा कि सामान्यत: शोध प्रस्तावों से तात्पर्य ऐसे प्रस्ताव से होता है जिसमें शोधकर्ता किसी समस्या समाधान के लिए विशेष कार्य विधि, संभावित समय एवं संभावित धन आदि का उल्लेख करता है। यह शोध से पूर्व एक प्रस्ताव होता है। कहा कि विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों द्वारा शोध कार्य से पूर्व शोध प्रस्ताव आमंत्रित किया जाता है। इसके गुणवत्तापूर्ण होने से शोध का महत्व बढ़ जाता है। डॉ. पंकज कुमार ने कहा कि शोध प्रस्ताव में शोध का शीर्षक, समस्या का प्रकथन, शोध का उद्देश्य, संबंधित साहित्य की समीक्षा, उपकल्पना, अध्ययन का महत्व, संकल्पना की परिभाषा, अध्ययन की सीमाओं का परिसीमन, आंकड़े संग्रह की प्रक्रिया, निदर्शन, उपकरण, आंकड़ा विश्लेषण के तरीके, संभावित अध्यायिकरण, संदर्भ पुस्तकें आदि होती हैं। दूसरे सत्र में शोध की राजनीति विषय पर प्रकाश डालते हुए डॉ. पंकज ने कहा कि शोध का राजनीति से और राजनीति का शोध से अंतर्संबंध है। कहा कि शोध का प्रयोग राजनीतिक लाभ के लिए किया जाता रहा है। सरकार द्वारा समय-समय पर अपने नीति आधारित विषय पर शोध को बढ़ावा देना शोध की राजनीति का अंग है। चुनाव के समय मीडिया सर्वे के द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए आंकड़ों को सरकार के पक्ष में दर्शाना भी शोध की राजनीति है। कहा कि इसमें शोध और शोध निष्कर्ष का प्रसार अपने फायदे के लिए होता है। बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के सहायक निदेशक आलोक कुमार ने एड्स विषय पर शोध को बढ़ावा देने के लिए विभागीय जानकारी दी। विभिन्न सत्रों की रिपोर्टिंग विश्वविद्यालय समाजशास्त्र विभाग की लक्ष्मी कुमारी ने किया। तृतीय सत्र में फील्ड स्टडी के अंतर्गत शोध छात्रों को नारगौना अवस्थित संग्रहालय, केंद्रीय पुस्तकालय और विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन अवस्थित महारानी कल्याणी पुस्तकालय का भ्रमण कराया गया। कार्यशाला में प्रो. गोपीरमण प्रसाद सिंह, डॉ. मंजू झा, डॉ. शंकर कुमार लाल, डॉ. सारिका पांडेय, प्राण तारती भंजन आदि उपस्थित थे।

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