दरभंगा में सक्रिय बेगूसराय के बदमाशों की खोज में छापेमारी
दरभंगा । शहर में सक्रिय बेगूसराय जिले के बदमाशों की खोज तेज कर दी गई है। पुलिस ने इसके
दरभंगा । शहर में सक्रिय बेगूसराय जिले के बदमाशों की खोज तेज कर दी गई है। पुलिस ने इसके लिए एक टीम गठित की है। हाल के दिनों में शहर में हुई कई बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई है कि शहर में बेगूसराय के बदमाश सक्रिय हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस ने गिरफ्तार शातिरों के बाद उनके साथियों की गिरफ्तारी में लगी है। चार सितंबर को लहेरियासराय थाने की पुलिस के हत्थे चढ़े दोनों बदमाश बेगूसराय के कृष्णा तिवारी उर्फ भूटकी गिरोह के सदस्य थे। पूछताछ में हथियार के साथ गिरफ्तार बेगूसराय के फुलवरिया निवासी मोहर पांडेय और मनोज मिश्र ने बताया था कि लूट की घटना को अंजाम देने के लिए चार दिनों से रेकी कर रहे थे। इसी दौरान पकड़े गए। फरार बदमाशों में बेगूसराय के तीन साथी राहुल तिवारी, संजय तिवारी और झुलन तिवारी भी शामिल थे। सभी बदमाशों का अस्थाई ठिकाना हाजीपुर है। जहां से घटना को अंजाम देने के लिए रोजाना दरभंगा आ रहे थे। हाथ नहीं लगने पर सभी बदमाश शाम में हाजीपुर लौट जाते थे। लेकिन, घटना को अंजाम देने से पहले दो बदमाश पकड़े गए। लहेरियासराय स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा अथवा मोटी रकम वाले ग्राहकों को लूट की घटना को अंजाम देने के लिए सभी बदमाश जमा हुए थे। पुलिस का मानना है कि घटना को अंजाम देने के लिए गिरोह के कई शार्गिदों ने शहर में डेरा डाल रखा था। कुछ पकड़े गए तो कुछ फरार हो गए।
लेकिन, अब भी कुछ बदमाश शहर में जमे हो सकते हैं ऐसी संभावना है। इस स्थिति में गिरोह के सभी शर्गिदों की खोज की जा रही है। कुछ ऐसे बदमाश भी शामिल हैं जो यहां रहकर लाइनर काम कर रहे हैं। इसके लिए तकनीकी सेल को लगाया गया है। ताकि, सभी बदमाशों गिरफ्तार किया जाए।
इससे पूर्व चार जुलाई को लहेरियासराय थाना क्षेत्र के इमामबाड़ी मोहल्ला में पकड़े गए आधा दर्जन हथियार तस्करों में मुंगेर जिले का बबल डॉन उर्फ कर्मवीर मिश्रा भी शामिल था। रंगदारी, फायरिग और धमकी मामले में उसकी तलाश बेगूसराय जिले की पुलिस को भी थी। दरअसल, वह बेगूसराय में ही रहकर हथियार तस्करी का काम करता था। इन लोगों के पास से पिस्टल की 31 कारतूस बरामद की गई थी। इसमें नाका नंबर छह निवासी शनि ने बीस कारतूस और एक पिस्टल एवं दारूभट्टी चौक स्थित जीएनगंज निवासी मो. नेहाल ने 29 कारतूस बबल से खरीदा था। दोनों खरीदार अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। ऐसी स्थिति में पुलिस इन दोनों की भी खोज तेज कर दी है। इसके अलावे बबल के नेटवर्क से कौन-कौन शातिर जुड़ा है यह भी पता लगाया जा रहा है। जेल पर भी पुलिस की पैनी नजर है। मसलन बबल से मिलने वाले लोग भी पुलिस के रडार पर हैं।