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स्कूल गुरु को ले विवि के समक्ष कई यक्ष प्रश्न

लनामिविवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को स्कूल गुरु के साथ 5 साल के लिए एकरार करने का मामला नासूर बनता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 11:48 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 11:48 PM (IST)
स्कूल गुरु को ले विवि के समक्ष कई यक्ष प्रश्न
स्कूल गुरु को ले विवि के समक्ष कई यक्ष प्रश्न

दरभंगा। लनामिविवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को स्कूल गुरु के साथ 5 साल के लिए एकरार करने का मामला नासूर बनता जा रहा है। इस मामले में अब विवि प्रशासन की स्थिति सांप छूछंदर जैसी बन गई है। विवि प्रशासन इतनी सारी बातों के बावजूद इस मामला को न तो छुपा पा रही है और न ही ठोस निर्णय ले पा रही है। बल्कि, जिस हिसाब से इस मामले को छिपाने एवं बार-बार अलग-अलग तर्क देकर समाज के लोगों को संतुष्ट करने की बात हो रही है उससे और संशय की ही स्थिति उत्पन्न हो रही है। अब इस कारण से ही कई यक्ष प्रश्न उभर कर सामने आने लगे हैं। स्कूल गुरु के आने से लेकर अभी तक के सफर पर नजदीक से नजर रखने वाले भी अब कहने लगे हैं कि कुछ तो गड़बड़ है। अगर ऐसा नहीं रहता तो सारी बात विवि अधिनियम परिनियम के तहत प्रक्रिया गत होती। इस कारण नगर विधायक सह लनामिविवि ¨सडिकेट सदस्य संजय सरावगी ने कुलपति के सामने करीब दर्जन भर सवाल कर इसका जवाब मांगा है। विधायक ने 29 अक्टूबर को आहूत ¨सडिकेट की बैठक में इसको प्राथमिकता देकर कार्यवृत में पहला स्थान देने को कहा है। दूसरी ओर डीडीई में स्कूल गुरु के प्रारंभिक क्रियाकलाप में सहयोग करने वाले विवि के कई नामी प्रोफेसर अब डोलने लगे हैं। फिलवक्त, खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं। बावजूद दबी जुबान से कह देते हैं कि उन्हें उसी समय शक हो गया था कि यहां सब ठीक नहीं है। एक शिक्षक तो इससे अलग भी हो गए।

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विवि को इसका भी खोजना होगा जवाब : अभी तक डीडीई के माध्यम से विवि प्रशासन आंदोलन करने वाले विभिन्न छात्र संगठनों एवं लोजपा नेताओं को राशि सीधे स्कूल गुरु के खाता में जाने से इन्कार किया है। जबकि, इनके पास कुछ सबूत हाथ लगा है जो यह बताने के लिए काफी है कि राशि एकरार के मुताबिक स्कूल गुरु के खाते में जा रही है। यह बात भी सामने आ रही है कि कई के संबंधी इसमें बतौर कर्मी काम कर रहे हैं। इसके साथ ही तीन साल की सेवा काल वाले पदाधिकारी ने पांच वर्ष के लिए स्कूल गुरु के साथ कैसे एकरार कर लिए यह यक्ष प्रश्न है। खास यह कि यूजीसी के दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो ने तीन माह पहले मात्र दो साल के लिए डीडीई को नामांकन की स्वीकृति दी है। लेकिन, विवि प्रशासन से इससे पहले ही कैसे स्कूल गुरु के साथ 5 साल के लिए एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर दिया।

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