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उठ रहे सवाल: बर्निंग ट्रेनों ने रेलवे की उड़ाई नींद, दरभंगा की घटनाएं संयोग या साजिश...

बिहार का दरभंगा जिला अचानक चर्चा में आ गया है। यहां दो दिनों के अंदर दो एक्‍सप्रेस ट्रेनें बर्निंग ट्रेन बन गईं। इन बर्निंग ट्रेनों ने रेलवे प्रशासन की नींद उड़ा दी है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 01:24 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 10:29 PM (IST)
उठ रहे सवाल: बर्निंग ट्रेनों ने रेलवे की उड़ाई नींद, दरभंगा की घटनाएं संयोग या साजिश...
उठ रहे सवाल: बर्निंग ट्रेनों ने रेलवे की उड़ाई नींद, दरभंगा की घटनाएं संयोग या साजिश...

दरभंगा, विभाष झा। बिहार का दरभंगा जिला अचानक चर्चा में आ गया है। यहां दो दिनों के अंदर दो एक्‍सप्रेस ट्रेनें 'बर्निंग ट्रेन' बन गईं। इन बर्निंग ट्रेनों ने रेलवे प्रशासन की नींद उड़ा दी है। गनीमत रही कि दोनों घटनाओं में अनहाेनी नहीं हुई, लेकिन रेलवे की करोड़ों की संपत्ति तो बेशक नष्‍ट हो गई। महज 60-65 घंटे के अंदर दो ट्रेनों में अगलगी के पीछे कोई साजिश तो नहीं है या महज संयोग है, इस पर कोई खुलकर बोलना नहीं चाह रहे हैं। अलबत्‍ता हर कोई इन घटनाओं से अचंभित है। 

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शनिवार की सुबह दरभंगा जंक्शन यार्ड में खड़ी स्पेयर बोगी धू-धूकर जल गई। काला धुंआ और आग की लपटों ने आसपास के इलाकों के लोगों की नींद उड़ा दी। इस घटना के बाद स्थानीय रेल महकमा से लेकर आम यात्रियों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है। 

गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई

खास बात कि दो दिन पूर्व बिहार संपर्क क्रांति एक्‍सप्रेस में लगी आग की जांच समस्तीपुर रेल मंडल की टीम दरभंगा में कर ही रही थी कि एक और हादसा सामने आ गया। यह अलग बात है कि दोनों ही घटनाओं में किसी यात्री की जान नहीं गई। 

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जांच में पहुंचे समस्‍तीपुर के डीएम

रेल प्रशासन भले ही रेलवे की सुरक्षा को ले बड़े-बड़े दावे करता रहे, लेकिन घटनाओं ने रेल प्रशासन की पोल खोल दी है। इधर, घटना के बाद समस्तीपुर से एडीआरएम मौके पर पहुंचे। उन्‍होंने बताया कि अभी जांच चल रही है। घटना के संबंध में उन्होंने फिलहाल कुछ भी बताने से इनकार किया।

यार्ड में पहले भी हो चुके हैं हादसे

दरभंगा जंक्शन के यार्ड में इस तरह के हादसे पहले भी हो चुके हैं। एक दशक पूर्व बागमती एक्सप्रेस की दो बोगियां आग की भेंट चढ़ गई थीं। बावजूद इसके बाद भी रेल प्रशासन यार्ड की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। दरभंगा जंक्शन के उत्तर में स्थित यार्ड करीब एक किमी में फैला हुआ है। दो वाशिंग पिट भी बने हुए हैं। उत्तर में रैंक प्वांइट है। इसके बाद भी सुरक्षा में लापरवाही का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यार्ड दो दिशाओं से खुला हुआ है। न कोई चहारदीवारी का इंतजाम है, न ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई पुख्ता व्‍यवस्‍था। 

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