सड़क एवं समपार फाटक की मांग को ले आमान परिवर्तन का कार्य रोका
गुमटी की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक में चल रहे आमान परिवर्तन के काम को ग्रामीणों ने रविवार को बाधित कर दिया।
दरभंगा। गुमटी की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक में चल रहे आमान परिवर्तन के काम को ग्रामीणों ने रविवार को बाधित कर दिया। ग्रामीण सकरी-झंझारपुर-निर्मली रेल खंड में मनीगाछी मंडन मिश्रा हॉल्ट के बीच ब्रह्मपुरा भटपुरा पंचायत के लोगों के आवागमन में सुविधा के लिए रेल फाटक बनाने की मांग कर रहे थे। दोनों गांवों के आवागमन के लिए रेल लाइन पर पूर्व में बने मानव रहित समपार फाटक को आमान परिवर्तन के दौरान बंद कराया गया। मौके पर पहुंचे सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने ग्रामीणों से वार्ता कर काम को चालू कराया। इस दौरान करीब दो घंटे तक काम बाधित रहा। ग्रामीणों ने कहा कि भटपुरा ब्रह्मपुरा पंचायत में पड़ने वाले तीन गांवों में ब्रह्मपुरा रेल लाइन तथा फोर लेन के दक्षिण है। जबकि भटपुरा एवं सखबार गांव रेल लाइन एवं फोर लेन के उत्तर अवस्थित है। पंचायत के सभी गांवों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए ब्रह्मपुरा एवं भटपुरा गांव में संपर्क पथ को रेलवे द्वारा ऊंचा कर दिया गया है। आने जाने हेतु समपार फाटक की व्यवस्था नहीं की गई है। पंचायत के पूर्व मुखिया सह मुखिया पति ललन प्रसाद, सरपंच पति सुमन कुमार मिश्र, सौरव कुमार, श्रवण कुमार, मनोज कुमार कर्ण,महानंद ठाकुर,ध्यानी यादव ,मंगल यादव, सज्जन साहु, मुकेश कामती, शंभू ¨सह सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने बताया कि इस रूट पर जब से रेलवे का परिचालन हुआ तब से दोनों गांव को जोड़ने के लिए यहां पर मानव रहित रेलवे क्रॉ¨सग की व्यवस्था थी। जिससे लोगों को आने-जाने तथा अपने खेत तक पहुंचने की सुविधा होती थी। वर्तमान में सभी स्कूल कॉलेज तथा एनएच 57 पर जाने के लिए इसी पीडब्ल्यूडी सड़क से रेलवे पार कर लोगों को जाने का एकमात्र रास्ता है। जिसके अवरुद्ध हो जाने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जनवितरण की दुकान सिर्फ ब्रह्मपुरा मे होने से भटपुरा के सभी महिला-पुरुषों को सामान लेने हेतु रेलवे ट्रैक पार कर ब्रह्मपुरा आना पड़ता है वहीं ब्रह्मपुरा के लगभग 200 छात्र-छात्राएं इस रेलवे ट्रैक को पार कर सरिसब पाही स्थित स्कूल कॉलेज जाते हैं। एनएच पर आने के लिए भी उन्हें रेलवे ट्रैक को पार करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में पीडब्ल्यूडी सड़क जो रेलवे क्रॉस कर एनएच 57 तक जाती है। ग्रामीणों ने डीआरएम को आवेदन देकर समपार फाटक देने की गुहार लगाई थी। लोगों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेने की स्थिति में बाध्य होकर काम बंद करने का निर्णय लेना पड़ा।