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वर्तमान में कैंसर से होती महिनाम गांव की पहचान, समस्याओं का अंबार

दरभंगा। बेनीपुर क्षेत्र के 20 हजार आबादी वाले महिनाम पंचायत में एक समय सड़क स्वास्थ्य बिजली पेयजल एवं शिक्षा के क्षेत्र में कई विकासात्मक कार्य हुए लेकिन वर्तमान में यहां समस्याओं का अंबार है। कुल 19 वार्डों वाले महिनाम पंचायत में लोगों की सबसे बड़ी समस्या जलजमाव शिक्षा स्वास्थ्य एवं सड़क की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 11:46 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 11:46 PM (IST)
वर्तमान में कैंसर से होती महिनाम गांव की पहचान, समस्याओं का अंबार
वर्तमान में कैंसर से होती महिनाम गांव की पहचान, समस्याओं का अंबार

दरभंगा। बेनीपुर क्षेत्र के 20 हजार आबादी वाले महिनाम पंचायत में एक समय सड़क, स्वास्थ्य, बिजली, पेयजल एवं शिक्षा के क्षेत्र में कई विकासात्मक कार्य हुए, लेकिन वर्तमान में यहां समस्याओं का अंबार है। कुल 19 वार्डों वाले महिनाम पंचायत में लोगों की सबसे बड़ी समस्या जलजमाव, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सड़क की है। पंचायत के महिनाम गांव में बीते पांच वर्षों में कैंसर से लोगों के मरने का सिलसिला जारी है। अब तक करीब दो दर्जन मौत कैंसर से हो चुकी है। करीब आधा दर्जन इस बीमारी से जूझ रहे हैं। कैंसर की रोकथाम के लिए पंचायत में लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 17 वार्डों में आर्सेनिक प्लांट लगाने का निर्णय हुआ जिसकी निविदा हो चुकी है। विडंबना ही है कि कैंसर जैसी महामारी से प्रभावित क्षेत्र में एक अदद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक नसीब नहीं है। वर्ष 2008 में महिनाम में एपीएचसी का शिलान्यास तत्कालीन मंत्री स्व. भोला सिंह ने किया था, लेकिन आज तक यह निर्माण शुरू नहीं हो सका। महिनाम गांव में एक जर्जर उप स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां ना डॉक्टर मिलते हैं ना एएनएम। बीमार पड़ने पर लोगों को आठ किलोमीटर दूर बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल जाना पड़ता है। पंचायत में शिक्षा व्यवस्था का हाल भी बदहाल है। एक हाईस्कूल, चार मीडिल स्कूल, सात प्राइमरी स्कूल, एक ग‌र्ल्स स्कूल व एक संस्कृत हाईस्कूल के बावजूद बच्चों को समुचित शिक्षा नहीं मिल पा रही। नतीजा, अभिभावक अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में दाखिला दिलाने को मजबूर हैं। महिनाम हाईस्कूल को प्लस टू में उत्क्रमित करने के लिए भवन निर्माण हुआ, लेकिन अब तक प्लस टू की पढ़ाई शुरू नहीं हुई। भवन का निर्माण भी इतना घटिया किया गया कि बारिश में छत से पानी टपक रहा है। बारिश के मौसम में पंचायत के अधिकांश जर्जर पथों पर भारी जलजमाव से लोगों को काफी परेशानी होती है। पंचायत में एक सौ से अधिक ऐसे वृद्धावस्था पेंशनधारी हैं, जिन्हें दो वर्षों से पेंशन की राशि नहीं मिल रही है। उपभोक्ताओं को जविप्र की दुकानों से समय पर राशन किरासन नहीं मिल रहा। ग्रामीणों का कहना है कि महिनाम पंचायत डीलरों के लिए कालाबाजारी का हब बन चुका है। आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को मेनू के हिसाब से पोषाहार नहीं मिलता। दैनिक जागरण की ओर से गांव की पाती कार्यक्रम के तहत जब टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं का अंबार सामने रख दिया।

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महिनाम पंचायत एक नजर में : जनसंख्या : बीस हजार, मतदाता : दस हजार, हाईस्कूल : एक, संस्कृत हाईस्कूल : एक, मीडिल स्कूल : चार, प्राइमरी स्कूल : सात, आंगनवाड़ी केंद्र : 12, जविप्र दुकान : सात, मंदिर : चार, मस्जिद : दो, शिक्षित : 60 प्रतिशत, बेरोजगार : 80 प्रतिशत, बिजली : 12 घंटा प्रतिदिन

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कहते हैं स्थानीय ग्रामीण : सरकार और प्रशासन पंचायत में कैंसर जैसी बिमारी की रोकथाम के लिउ कोई ठोस उपाय नहीं कर रही है। पंचायत के एक सौ से अधिक वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों को कई वर्षों से पेंशन की राशि नहीं मिल रही है। पंचायत में जनवितरण प्रणाली जेब भरो प्रणाली बनकर रह गई है।

- रमेश झा, जिप सदस्य

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पूर्व मुख्यमंत्री केदारनाथ पांडेय के काल में महिनाम गांव लिफ्ट एरिगेशन के द्वारा किसानों के खेतों की सिचाई के लिए लगाए गए बारिग वर्षों से बंद पड़े रहने के कारण किसान को अपने खेतों के पटवन में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

- महेंद्र झा आजाद, पूर्व विधायक

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पंचायत के राम शंकर झा कहना था की

महिनाम गांव के गरीबों को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, जिसके कारण उनकी स्थिति दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। गांव के दलहडे टोला के बीस लोगों के घरों में बारिश का पानी घुसे रहने के कारण त्राहि-त्राहि मची है।

- राम शंकर झा, ग्रामीण

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महिनाम गांव के कमल नारायण ठाकुर के घर से ठको झा के घर तक पथ पर भीषण जलजमाव के कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। लोग महिनाम गांव के जलजमाव से परेशान हैं।

- अजय चंद्र झा, ग्रामीण

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जबतक सरकार गांवों के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में सार्थक पहल नहीं करेगी, तब तक देश व राज्य का कल्याण संभव नहीं है। पंचायत में नल-जल योजना का हाल सबसे बुरा है।

- सुरेश झा, ग्रामीण

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शौचालय योजना में भारी गड़बड़ी हुई है। जिनको शौचालय मिलना चाहिए, उनको मिला नहीं। जिनको नहीं मिलना चाहिए वैसे लोगों ने गलत तरीके से एक आदमी के नाम पर चार शौचालय की राशि उठा ली है।

- मो. कैशर, ग्रामीण

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युवाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी होनी चाहिए। गांव में जर्जर उप स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर और एएनएम वर्षों से नहीं आ रहे। विभाग को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए। यहां लोगों को कोई स्वास्थ्य सुविधा नसीब नहीं हो रही।

- रंधीर झा, ग्रामीण

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महिनाम पंचायतके मुखिया ने ये कहा :- मुखिया पुष्पा झा का कहना था की

सरकार ने पंचायत के 17 वार्डों में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आर्सेनिक प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। टेंडर हो चुका है। एक आर्सेनिक प्लांट लगाने पर साठ लाख का खर्च है। पंचायत के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित हैं। आम जनता का सहयोग जरूरी है।

- पुष्पा झा, मुखिया

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महिनाम पंचायत एक नजर में : जनसंख्या : बीस हजार, मतदाता : दस हजार, हाईस्कूल : एक, संस्कृत हाईस्कूल : एक, मीडिल स्कूल : चार, प्राइमरी स्कूल : सात, आंगनवाड़ी केंद्र : 12, जविप्र दुकान : सात, मंदिर : चार, मस्जिद : दो, शिक्षित : 60 प्रतिशत, बेरोजगार : 80 प्रतिशत, बिजली : 12 घंटा प्रतिदिन

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रीडर कनेक्ट के लिए- 7011529917


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