Move to Jagran APP

महाराजी तालाब के इतिहास पर भारी वर्तमान, अस्तित्व पड़ा खतरे में

दरभंगा। हायाघाट प्रखंड की हायाघाट बाजार स्थित ऐतिहासिक महाराजी पोखर को गंदगी और अ

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 11:37 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 11:37 PM (IST)
महाराजी तालाब के इतिहास पर भारी वर्तमान, अस्तित्व पड़ा खतरे में
महाराजी तालाब के इतिहास पर भारी वर्तमान, अस्तित्व पड़ा खतरे में

दरभंगा। हायाघाट प्रखंड की हायाघाट बाजार स्थित ऐतिहासिक महाराजी पोखर को गंदगी और अतिक्रमण मौत देने को तैयार है। पोखर में स्थानीय लोग गंदगी डालते है। धीरे-धीरे पोखर के हिस्सों को भरते हैं। फिर जब संबंधित हिस्सा कूड़े और गंदगी से भर जाता है तो उसपर मिट्टी डालकर संबंधित भूखंड का अतिक्रमण कर लेते हैं। अतिक्रमणकारियों ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि तालाब अपने वजूद को बचाए रखने के लिए संघर्षरत हैं। लेकिन, प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के कारण पोखर का अस्तित्व समाप्ति की ओर है। स्थानीय लोग बताते हैं ऐतिहासिक स्थलों के विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार योजनाएं चला रही है। पर्यटन स्थल के रूप में उन्हें विकसित किया जा रहा। तालाबों की रक्षा के लिए तो जल जीवन हरियाली योजना चलाई जा रही है। फिर भी हायाघाट के इस तालाब की स्थिति पर किसी की नजर नहीं गई है।

loksabha election banner

जल हो गया दूषित, उग आईं जंगल-झाड़ियां लोगों इस बात को लेकर चिता में हैं कि उक्त तालाब का पानी लगातार दूषित हो रहा है। बावजूद इसके लोग पोखर में कूड़ा-कचड़ा फेंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। आलम यह है कि तालाब में जंगल- झाड़ उग आए हैं। गंदगी के ढेर के कारण पोखर का जल भी दूषित होने लगा है। लगातार फैल रही गंदगी के कारण यहां से निकल रहा दुर्गंध कभी भी संक्रमण का कारण हो सकता है।

स्थानीय लोगों की शिकायत पर की गई कोशिशें नाकाम, अतिक्रमण कायम इस सिलसिले में पूर्व प्रमुख अशोक कुमार सिंह, स्थानीय मुखिया संतोष पासवान, हायाघाट बाजार के श्याम किशोर प्रसाद उर्फ दिलीप साह, अजय चौधरी, रामसेवक भगत, जगदीश प्रसाद चौधरी, रितेश गोस्वामी, महेश चौधरी, किशोर चौधरी, मनोज कुमार, प्रमोद चौधरी, मनोज गुप्ता, प्रवीण कुमार सिंह आदि ने उक्त पोखर के अस्तित्व की रक्षा के लिए प्रशासनिक स्तर पर कई आवेदन दिए। बताते हैं कि इस सिलसिले में जिला व प्रखंड सहित अंचल प्रशासन से गुहार लगाई। अंचल प्रशासन ने कई बार उक्त पोखर से अतिक्रमण हटाया। लेकिन, दुकानदारों ने फिर से वहां अतिक्रमण कर लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.