दरभंगा। सिमरी थाने क्षेत्र के सढ़वाड़ा गांव में गुरुवार की रात दिल्ली से अपहरण कर तीन बच्चों को लाने की सूचना पर पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया। पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर एक किन्नर एवं तीन बच्चों को अपने कब्जे में ले लिया। सभी को थाने लाकर गहन पूछताछ की गई। इसमें हिरासत में लिए गए किन्नर ने स्वयं को निर्दोष बताया। कहा कि इन बच्चों को अपहरण कर नहीं लाई है। बल्कि, इन सभी को गोद ले रखी है। हालांकि, उसने यह स्वीकार किया कि वह दूसरे धर्म से हैं और तीनों बच्चे का धर्म उनसे अलग है। घटना की जानकारी देते हुए सोनी ने बताया कि वह दिल्ली के जेजे कॉलोनी में रहती थी। तीनों बच्चा उनके मकान मालिक का है। मालिक की मौत के बाद मालकिन की मौत हाल के दिनों में हो गई। लेकिन, इससे पूर्व मालकिन ने तीनों बच्चे को मुझे गोद में दे दिया। इसका सारा कागजात उसने पुलिस के समक्ष पेश किया। गोपाल, गोरख व अंजलि की तस्वीर सहित उसके माता-पिता के मृत्यु से संबंधित प्रमाण पत्र, बच्चों का आधार कार्ड, फोटोग्राफ्स आदि प्रस्तुत किया। साक्ष्य के आधार पर सही पाए गए। सोनी ने पुलिस को बताया कि अपने भाई शमशेर की शादी में भाग लेने के लिए वह अपने जीजा युसूफ के साथ गांव आई थी। इस बीच सोनी अपने ननिहाल केवटी के असराहा गांव जाने के लिए तीनों बच्चों को जीजा के हवाले कर दी थी। इसी क्रम में दिल्ली से अपहरण कर बच्चा लाने की अफवाह आग की तरह फैल गई। अलग धर्म के तीनों बच्चों पाए जाने पर लोगों को शक हो गया। इसके बाद लोगों ने महिला और उसके जीजा को घेर कर घटना की जानकारी पुलिस को दी। इस दौरान गांव में जमकर हंगामा हुआ। लोग तरह-तरह के अफवाह के साथ अटकलें लगा रहे थे। लेकिन, पुलिस के पहुंचने के बाद सारा मामला साफ हो गया। सोनी की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद कागजी कार्रवाई कर सभी को छोड़ दिया गया। थानाध्यक्ष राजन कुमार ने कहा कि तीनों बच्चे एवं किन्नर अलग-अलग समुदाय के थे। इसे लेकर लोगों में गलतफहमी हो गई। गांव के दो गवाह के समक्ष सभी को थाने से छोड़ दिया गया।
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