सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत, जगह-जगह पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
दरभंगा। अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिलेवासियों ने स्वागत किया।
दरभंगा। अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिलेवासियों ने स्वागत किया। पूरे जिले में सौहार्द का माहौल दिखा। हिदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों ने एकता और सामाजिक सौहार्द कायम कर मिसाल पेश की। सभी चौक-चौराहों पर एक ही बात सुनने को मिल रहा था, न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसपर कोई टिप्पणी उचित नहीं। दरअसल, किसी भी तनाव की स्थिति से निपटने को लेकर शुक्रवार की रात से ही पूरे जिले में प्रशासन ने पुलिस बल की तैनाती कर दी थी। डीएम डॉ.त्यागराजन एसएम और एसएसपी बाबू राम कमान संभाल कर पल-पल की खबर ले रहे थे। हालांकि, कुछ निजी स्कूलों को पहले ही बंद करा दिया गया था तो शेष को उपस्थिति दर्ज कराने के बाद बंद कर दिया गया। सरकारी स्कूलों में भी छुट्टी घोषित की गई थी। खुफिया रिपोर्ट के आधार पर जिले को हाई अलर्ट पर रखा गया था। पूरे जिले में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जगह-जगह पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट तैनात थे। जिले के 97 संवेदनशील इलाकों में पूरे दिन फ्लैग मार्च किया गया। नगर एसपी योगेंद्र कुमार स्वयं नेतृत्व कर रहे थे।
लोगों से की जा रही थी अपील :
संप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी लोगों से अपील की जा रही थी। किसी भी तरह की अप्रिय घटना ना हो और शरारती तथा असामाजिक तत्वों के द्वारा किसी तरह का लाभ नहीं उठाया जाए इसे देखते हुए विधि व्यवस्था को सख्त किया गया था। धार्मिक, संप्रदाय दृष्टिकोण से अति संवेदनशील स्थलों रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर विधि व्यवस्था संधारण करने के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की गई थी। व्यवस्था संधारण के लिए थाना क्षेत्र में अलग से पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई थी। लहेरियासराय थाना क्षेत्र के दारुभट्टी चौक, करमगंज, लहेरियासराय रेलवे स्टेशन, न्यायालय, उर्दू बाजार, गायत्री मंदिर और लोहिया चौक पर भारी संख्या में पुलिस पदाधिकारियों सहित बल की तैनाती थी। बेंता ओपी के बेंता चौक, नगर थाना के मिर्जापुर चौराहा, दरभंगा टावर, भगत सिंह चौक, विश्वविद्यालय थाना के विश्वविद्यालय परिसर, दरभंगा रेलवे स्टेशन, सदर थाना के भदवा, मुरया, बहादुरपुर थाना के निरमा, ननौरा, सिंहवाड़ा थाना के सिंहवाड़ा बाजार, भरवाड़ा, सिमरी थाना के कंसी, सिमरी बाजार, जाले के जाले बाजार, जोगियारा, हायाघाट के रसलपुर, बिरौल थाना के सुपौल बस स्टैंड, पुराना थाना चौक, कुशेश्वरस्थान के कुशेश्वरस्थान मंदिर, सतीघाट, घनश्यामपुर थाना के पाली बाजार, शिवनगर घाट, जमालपुर थाना के झगड़ूआ, बहेड़ा के काजियाना, आशापुर, बहेड़ा बाजार, सुपौल, शिवराम, अलीनगर के पकड़ी चौक, तीरहल्ली अलीनगर चौक, मनीगाछी के हटा, नगरा, मनीगाछी के पठान कवई, जगदीशपुर, बाजितपुर, हावीडीह, दिलावरपुर, बहेड़ी बाजार सहित जिले के 97 स्थलों पर पुलिस की पैनी नजर थी। एसडीओ और एसडीपीओ थे सक्रिय : सुरक्षा में कोई चूक नहीं हो इसे लेकर सदर, बेनीपुर और बिरौल एसडीओ और एसडीपीओ पूरे दिन सक्रिय दिखाई दिए। क्षेत्र का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का हाल जाना। वहीं सभी वीडियो और सीओ भी सड़क पर दिखाई दिए। सर्किल इंस्पेक्टर अपने-अपने दास्तां के साथ गश्ती करते दिखाई दिए। जगह-जगह तैनात दंडाधिकारी वीडियोग्राफी भी करा रहे थे। अपर समाहर्ता विभूति रंजन चौधरी को विधि-व्यवस्था का संपूर्ण प्रभार दिया गया था। इधर, एसएसपी राम ने पहले से ही संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसकी सूची थाना स्तर पर पहले से ही समर्पित कर दी गई थी। सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने वाले असामाजिक तत्वों की सूची भी बनाई गई थी। इस सूची को पुलिस पदाधिकारी लेकर गश्ती कर रहे थे। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए नए स्तर से नाम जोड़ने का अधिकार संबंधित अधिकारियों को दिया गया था। ताकि, उस पर समय रहते निरोधात्मक कार्रवाई करने में कोई परेशानी नहीं हो। गश्ती के दौरान सभी धार्मिक समुदायों के लोगों से लगातार संपर्क बनाया जा रहा था। सभी में सौहार्द और सुरक्षा का विश्वास उत्पन्न किया गया। यह बताने की कोशिश की गई, अगर किसी ने खलल डालने की कोशिश की तो उसकी खैर नहीं है।
सोशल मीडिया पर पुलिस की थी पैनी नजर : सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी। इसके लिए एसएसपी ने अलग से एक सेल का गठन किया था। साइबर ग्रुप के सदस्यों को सक्रिय कर दिया गया था। ताकि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का भड़काऊ बयान अथवा आपत्तिजनक सामग्री के विषय में कोई भी कुछ पोस्ट ना कर पाएं। सोशल मीडिया पर माहौल बिगाड़ने वालों वालों पर पुलिस की पैनी नजर थी।
चौकीदार को भी अलर्ट रखा गया था : एसएसपी ने चौकीदार, पुलिस मित्र को भी एलर्ट कर दिया गया था। जनप्रतिनिधियों को भी विशेष रूप से जागरूक किया गया था, ताकि उनके माध्यम से जानकारी मिलते ही संभावित स्थिति को देखते हुए उसे समय रहते नियंत्रण किया जा सके।
संशाधनों से लैस थे पुलिस बल : तैनात किए गए पुलिस बल को संशाधनों से लैस किया गया था। ताकि, जरूरत पड़ने पर किसी भी प्रकार की कमी महसूस नहीं हो। पुलिस बल को उपलब्ध कराए गए आंसू गैस, आदि उपकरण के कार्यशीलता की जांच पहले ही कर ली गई थी। ताकि, कमी पाए जाने पर सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके। ड्रैगन लाइट, वाहन, अग्निशमन वाहन, मेगाफ़ोन आदि उपकरणों को क्रियाशील कर लिया गया था । वाटर कानन भी तैयार था। थाना स्तर पर विधि व्यवस्था की संभावना उत्पन्न होने की आशंका को देखते हुए अलग से वीडियो कैमरा की व्यवस्था की गई थी। वितंतु संवाद यंत्र को पहले से तैयार रखा गया था। ताकि, संवाद स्थापित होने में कोई परेशानी नहीं हो।
पटाखा की आवाज सुन पुलिस हुई अलर्ट : दिन के 11 बजे के आस-पास नगर और लहेरियासराय थाने क्षेत्र में दो जगहों पर पटाखा की आवाज सुनाई दी। इसके बाद पुलिस अलर्ट हो गई। गश्ती गाड़ी के पहुंचते ही पटाखा छोड़ने वाले फरार हो गए। पूछताछ दौरान पता चला कि छठ घाट वाले पटाखा को किसी बच्चे ने छोड़ दिया है। हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों ने पटाखा छोड़ने वाले को डांट-फटकार कर भगा दिया था। इधर, इसकी सूचना मिलते ही एसएसपी बाबू राम ने संबंधित पुलिस अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया था।
शांति समिति के सदस्यों ने भी किया भ्रमण : शहरी क्षेत्र काफी संवेदनशील माना गया था। इसे देखते हुए शांति समिति के सदस्य पहले से ही अलर्ट थे। कई मोहल्लों में सदस्यों की टोली भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेते रहे। साथ आम लोगों से ऐसा कोई काम नहीं करने को कहा जिससे दूसरे को कष्ट हो।