मरीजों और परिजनों ने किया सड़क जाम, छात्रों के आंदोलन से चिकित्सा सेवा चरमराई
डीएमसीएच में छात्रों के आंदोलन से चौथे दिन गुरुवार की भी उपचार व्यवस्था चरमराई रही।
दरभंगा । डीएमसीएच में छात्रों के आंदोलन से चौथे दिन गुरुवार की भी उपचार व्यवस्था चरमराई रही। हड़ताल के विरोध में आक्रोशित मरीजों एवं परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड चौक को जाम कर दिया। दूसरी ओर एमबीबीएस की गुरुवार को होने वाली फाइनल परीक्षा की तिथि तकनीकी कारणों से टल गई है। इससे आंदोलनकारियों को काफी राहत मिली। बावजूद छात्र गृह जिला में परीक्षा सेंटर बनाने की मांग को लेकर आंदोलन पर डटे हुए हैं। आक्रोशित परिजनों ने किया सड़क जाम
छात्रों के आंदोलन से चार दिनों से बगैर उपचार के लिए लौट रहे परिजन और मरीजों का गुस्सा सुबह में फूट पड़ा। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड चौक को जाम कर दिया। लोग उपचार की व्यवस्था चालू करने के लिए नारे लगा रहे थे। करीब दो घंटे के जाम से नाका छह से लेकर कर्पूरी चौक तक अव्यवस्था का आलम हो गया। बेंता ओपी अध्यक्ष आशुतोष कुमार ने जाम स्थल पर आकर परिजनों को समझा बुझाकर सड़क पर आवागमन चालू कराया। वहीं मरीज और परिजन आंदोलनकारी छात्रों को कोसते रहे। मोरो थाना की रीना देवी ने बताया कि उसने उन हड़तालियों का क्या बिगाड़ा है। वह कुशेश्वरस्थान से उपचार कराने यहां आई थी। मधुबनी जिला के लौकही थाना के रसुलपुर के विदेंश्वर ¨सह से तीन दिनों से यहां उपचार के इंतजार में है। आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि दूसरे जगह जाकर इलाज करा सके। बहेड़ी के हानौली गांव की ¨वदा देवी की पुत्री के बच्चेदानी का आपरेशन कराना था। हड़ताल के कारण उसे भर्ती नहीं कराया गया। अब जाए तो जाए कहां। लौकहा के चैनपुर गांव निवासी बोधू महतो ने बताया कि जब मरीजों के मरने का सिलसिला तेज होगा तब हड़ताल समाप्त होगा। इन्हें गरीब मरीजों की परवाह नही है। सिर्फ अपने फायदे के लिए हड़ताल पर हैं। सहरसा सौर बाजार के मो. तैयब, बासोपट्टी कउआहा के मो. जाकिब, बासोपट्टी नरकटिया की गंगा देवी, सुपौल के अंदौली के विनोद चौधरी आदि विभिन्न रोगों के कारण दर्द से छटपटा रहे थे। लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था। परीक्षा की तिथि टलने से छात्रों की बढ़ी आस
2014 बैच के आंदोलनकारी छात्रों की उम्मीद पर सुबह तक पानी फिर हुआ था। सभी हड़ताली निराश धरना पर बैठ थे। इसी समय सूचना मिली कि तकनीकी कारणों से परीक्षा टल गई है। इस विषय की परीक्षा की अब चार फरवरी को होगी। इधर दूसरे विषय की तय परीक्षा 15 जनवरी को ही होगी। इससे आंदोलनकारियों को इस परीक्षा में शामिल होने का मौका मिल गया। परीक्षा की तिथि नहीं टलती तो छात्रों को आगे अधिक परेशानी झेलनी पड़ती। छात्र परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने की बात कहते हुए फोटो स्टेट प्रति वितरित कर रहे थे। साथ ही आर्यभटट विश्वविद्यालय के कुलपति और परीक्षा नियंत्रक से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। जब तक उनका परीक्षा केंद्र गृह जिला में नहीं किया जाता है तब तक धरना जारी रहेगा।