मरीज गंभीर, ट्राली मैन मार रहा था गप
दरभंगा। डीएमसीएच की व्यवस्था लचर है। इमरजेंसी वार्ड के समक्ष श्याम महतो को गंभीर अवस्था में टेंपो स
दरभंगा। डीएमसीएच की व्यवस्था लचर है। इमरजेंसी वार्ड के समक्ष श्याम महतो को गंभीर अवस्था में टेंपो से उतारा गया था। वहां पर ट्राली मैन तो था, लेकिन मरीज को उतारने के बजाय ट्राली मैन रजिस्ट्रेशन काउंटर के समक्ष गप मारने में व्यस्त था। परिजन अपने मरीज को कंधा पर उठाकर इमरजेंसी वार्ड में ले गए। परीक्षण कक्ष के भीतर में जगह नहीं थी। परिजन को बरामदे पर लाया गया। बरामदे पर पड़ी ट्राली पर पहले से ही मरीज फूल था। मरीज को कंघा पर रखे परिजन हांफ रहे थे। अंतत: परिजन ने मरीज को बरामदे के फर्श पर लेटा दिया। अब डॉक्टरों से जांच कराने की बारी आई तो, पीजी डॉक्टर मरीजों को जांच पड़ताल करने में पहले से ही व्यस्त देख परिजन उलटे पांव लौट आए। परिजन परीक्षण कक्ष से लेकर पीजी डॉक्टरों के चैंबर तक बिलखते रहे। फिर परिजन ने पीजी डॉक्टरों को बिनती की। एक पीजी डॉक्टर को दया आ गई । एक पीजी डॉक्टर ने उस मरीज की जांच पड़ताल की। डॉक्टरों ने दवा और जांच कराने की सलाह दी। परिजन इस वार्ड के पैथोलॉजी जांच घर में गया, वहां तकनीशियन ही नही जांच करने के एक भी सामान नहीं था। परिजन दवा भंडार में गया। 9 दवाओं में से परिजनों को सात दवाएं मिली। भंडार के फार्मासिस्ट ने अन्य तीन दवाएं बाहर से लाने का फरमान जारी कर दिया। बताया गया कि इस ग्रुप की दवा है ,लेकिन दूसरे ब्रांड की दवाएं लिखी गई है। परिजन दवा लाने बाहर निकल गए। इधर डॉक्टर इस मरीज को बरामदे पर से सीसीडब्ल्यू ले जाने को कह रहे थे। मरीज को ले जाने के लिए कोई नहीं मिल रहा था। इस वार्ड में इस तरह की घटना एक दिन की नहीं , यह घटना हर दिन कई मरीजों के साथ घटती है। अगर पीजी डॉक्टर नहीं रहे तो, भगवान ही इस वार्ड के मालिक।