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कुलपति के सचिव की फर्जी बहाली की बहस में भाग लेना डॉ. बैजू को पड़ा महंगा

विश्वविद्यालय बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में मंगलवार को लनामिविवि मुख्यालय पर कांग्रेस नेता राम नारायण झा की अध्यक्षता में धरना दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 01:29 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 01:29 AM (IST)
कुलपति के सचिव की फर्जी बहाली की बहस में भाग लेना डॉ. बैजू को पड़ा महंगा
कुलपति के सचिव की फर्जी बहाली की बहस में भाग लेना डॉ. बैजू को पड़ा महंगा

दरभंगा । विश्वविद्यालय बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में मंगलवार को लनामिविवि मुख्यालय पर कांग्रेस नेता राम नारायण झा की अध्यक्षता में धरना दिया गया। संचालन भाकपा नेता राजीव चौधरी ने किया। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह को तत्काल वित्तीय अधिकार पर रोक लगाते हुए विश्वविद्यालय में नीतिगत निर्णय लेने के अधिकार से मुक्त करने सहित दागी पदाधिकारियों को अविलंब हटाने की मांग कुलाधिपति से करने का निर्णय लिया गया। सीनेट सदस्य डॉ. रामसुभग चौधरी ने दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए कहा कि फर्जी भुगतान, छपाई में घोटाला, खरीददारी में गोलमाल व बहाली में फर्जीवाड़ा यहां का दैनिक नियम बना हुआ है। डॉ. बुचरू पासवान ने कहा कि अभिषद में बार-बार हंगामेदार बहस के बावजूद उच्चाधिकारियों की मिलीभगत के कारण स्कूल गुरू मामले में कार्रवाई नहीं हो रही। जदयू नेता श्याम किशोर राम ने कहा कि तीन-तीन विधायकों के साथ अभिषद सदस्यों की समिति की अनुशंसा पर कुलपति को एग्रीमेंट रद करने के लिए अधिकृत किया गया, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीपीएम नेता केवल ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 80 प्रतिशत पद खाली है तो अध्ययन-अध्यापन कैसे संभव हो सकता है। साहित्यकार डॉ. महेंद्र नारायण राम ने कहा कि विश्वविद्यालय पढ़ाई के बदले रिजल्ट देने का कारखाना बनकर रह गया है। भाजपा नेता पारसनाथ चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय के आधा दर्जन पदाधिकारियों के खिलाफ गोलमाल के आरोप में कमिटियां गठित है। जदयू नेता प्रो. जीवकांत मिश्र ने कहा कि डॉ. बैद्यनाथ चौधरी ने 29 अगस्त को अभिषद की बैठक में भ्रष्ट पदाधिकारियों के सवाल पर कुलपति के खिलाफ निदा प्रस्ताव लाया था। साथ ही, इससे पूर्व 20 जुलाई एवं तीन अगस्त की बैठक में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को भ्रष्टाचार की गंगोत्री कहा था। वे कुलपति के सचिव की फर्जी बहाली की बहस में भी भाग लिए थे। परिणाम स्वरूप कुपित होकर डॉ. चौधरी के खिलाफ बदले की भावना से नियम परिनियम के विरुद्ध काम किया जा रहा है। डॉ. हरिनारायण सिंह ने कुलपति से डॉ. चौधरी के खिलाफ चल रहे कुचक्रों को तात्कालिक प्रभाव से बंद करने का आग्रह किया। ऐसा नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। भाजपा नेता रंगनाथ ठाकुर ने प्रश्न पत्र एवं अन्य छपाई में कमीशन खोरी, प्रायोगिक परीक्षा में गोरखधंधा, विश्वविद्यालय में कंपनी राज के बोल बाला होने का आरोप लगाया। इससे पूर्व धरना स्थल पर कुलपति के प्रतिनिधि के तौर पर आन्दोलनकारियों से मिलने आए विश्वविद्यालय के कुलानुशासन डॉ. अजीत कुमार चौधरी को प्रतिवेदन सौंपा गया। सभा में भाकपा के राजीव कुमार चौधरी, चंद्रशेखरझा बूढ़ा भाई, जदयू नेता तरुण कुमार मंडल, भाजपा नगर उपाध्यक्ष विनोद कुमार झा, विजय कुमार झा, लक्ष्मीकांत मिश्र, अमरेंद्र मिश्र, मनोज कांत चौधरी, कमलेश झा, अनिल कुमार झा, रियाज अली खां, परमानंद झा, अरुण कुमार झा, अखिल भारतीय मिथिला संघ के अध्यक्ष विनय कुमार झा संतोष, सीपीआई नेता ललन चौधरी, अविनाश कुमार ठाकुर, किसान सभा के जिला अध्यक्ष सुधीर कांत मिश्रा आदि ने भी अपने विचार रखे।

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