शोध में आंकड़ों के महत्व से अवगत हुए प्रतिभागी
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद संपोषित 10 दिवसीय कार्यशाला के सातवें दिन महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभागाध्यक्ष प्रो. पवनेश कुमार ने व्याख्यान दिया।
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद संपोषित 10 दिवसीय कार्यशाला के सातवें दिन महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभागाध्यक्ष प्रो. पवनेश कुमार ने व्याख्यान दिया। आंकड़ों के विश्लेषण का वर्णन करते हुए प्रो. कुमार ने आंकड़ों की जांच करने, उनको परिवर्तित करने और उनको मॉडल करने की प्रक्रिया को बताया। कहा कि आंकड़ा विश्लेषण उपयोगी सूचना का अनुदेशन करने, निष्कर्ष प्रस्तुत करने और निर्णय लेने में सहायता प्राप्त करने के उद्देश्य से की जाती है। प्रो. कुमार ने शोध में सांख्यिकी की अवधारणा और आंकड़ों के महत्व को बताया। जबकि, सॉफ्टवेयर इलेक्ट्रॉनिक संकेतो को बताता है। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगोल के सहायक प्राध्यापक डॉ. दर्शन कुमार झा ने ऑनलाइन शिक्षण संसाधन की सहायता से एसपीएसएस के द्वारा आंकड़ा परिष्करण एवं विश्लेषण के विभिन्न आयाम पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसके परीक्षणों के द्वारा व्यवहारिक एवं क्रियाशील प्रशिक्षण सत्र का संचालन किया। डॉ. झा ने इसके प्रयोग में विश्लेषण एवं आंकड़ा निर्वचन के तरीकों का वर्णन भी किया और प्रतिभागियों को व्यावहारिक रूप से एसपीएसएस के प्रयोगों के तरीकों को बताया। यह सत्र पूर्ण रूप से व्यावहारिक कौशल पर आधारित था, ताकि प्रतिभागी इसका प्रयोग आसानी से सफलतापूर्वक कर सके। डॉ. झा ने कहा कि आंकड़ों के गणना एवं निष्कर्ष तक पहुंचाने में एसपीएसएस महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है। तीनों सत्र की रिपोर्टिंग विश्वविद्यालय के गृहविज्ञान विभाग के डॉ. अपराजिता ने की। इस अवसर पर गोपी रमण प्रसाद सिंह, डॉ. मंजू झा, डॉ. सारिका पांडे, लक्ष्मी कुमारी, डॉ. शंकर कुमार लाल, प्राण तारती भंजन, डॉ. मनुराज शर्मा, डॉ. गौरव सिक्का, प्रमोद गांधी आदि उपस्थित थे।