Move to Jagran APP

मॉक निरीक्षण में डीएमसीएच की खुली पोल

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की तर्ज पर शनिवार को डीएमसीएच में तीन सदस्यों ने मॉक निरीक्षण किया। दो राज्यों से आए तीन सदस्यों ने पहले दिन वार्डो का जायजा लिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 12:46 AM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 12:46 AM (IST)
मॉक निरीक्षण में डीएमसीएच की खुली पोल
मॉक निरीक्षण में डीएमसीएच की खुली पोल

दरभंगा। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की तर्ज पर शनिवार को डीएमसीएच में तीन सदस्यों ने मॉक निरीक्षण किया। दो राज्यों से आए तीन सदस्यों ने पहले दिन वार्डो का जायजा लिया। इसकी खबर सभी डॉक्टरों को पहले ही मोबाइल पर मिल चुकी थी। इस कारण कई डॉक्टरों को विभागों में पहुंचने के लिए समय मिल गया था। बावजूद ड्यूटी पर आने के लिए डॉक्टरों और कर्मियों में अफरा तफरी मची थी। निजी नर्सिंग होम या क्लिनिकों पर जाने वाले डॉक्टर उलटे पांव डीएमसीएच की ओर निकल गए। टीम की कड़ी निगरानी में कई खामियां उजागर हुईं नहीं थे वरीय डॉक्टर

loksabha election banner

मॉक टीम के एक सदस्य रेडियोलॉजी विभाग पहुंचे। यहां छह जांच यूनिट में से दो यूनिट चालू थी। इसका हाल यह था कि अधिकांश वरीय डॉक्टर नदारद पाए गए। इस पर टीम ने सवाल किया कि अन्य वरीय डॉक्टर कहां हैं। कोई इसका उत्तर नहीं दे पाए। इस विभाग में मरीजों के जाने के लिए गेट पर स्लो¨पग पथ नहीं था। टीम ने कहां कि ऐसे में मरीज इस विभाग में कैसे ट्राली पर जांच के लिए आते जाते होंगे। इसका दर्द तो मरीज ही महसूस करते होंगे। टीम के एक सदस्य केंद्रीय ओपीडी में पहुंचे। टीम ने वहां मेडिसीन विभाग में कई वरीय डॉक्टरों की खोजबीन की। लेकिन एक भी वरीय डॉक्टर नहीं पाए गए। मरीजों की लंबी कतारें, रोशनी का नामोनिशान नहीं

टीम के सदस्य केंद्रीय ओपीडी का निरीक्षण करने पहुंचे। चर्म रोग, आंख रोग आदि विभागों के समक्ष मरीजों की लंबी लंबी कतारें थीं। मरीज अंधकार में इधर से उधर भटक रहे थे। टीम के एक सदस्य ने प्रश्न किया कि मरीजों की लंबी लंबी कतारें हैं। रोशनी की यहां कोई सुविधा नहीं है। मरीजों को बैठने के लिए कोई बेंच तक नहीं है। घंटों मरीज इलाज के लिए इंतजार करते हैं। यह मरीजों के लिए दर्दनाक है। इमरजेंसी का एक्सरे क्यों है खराब इमरजेंसी वार्ड के निरीक्षण के मौके पर टीम एक्सरे मशीन ठप पर आवाक थी। उनका कहना था कि यहां के मरीजों का एक्स-रे कहां होता है। जवाब मिला यहां के मरीजों का एक्स-रे सर्जिकल भवन के पहला तल्ला पर होता है। टीम ने दवा भंडार के फर्मासिस्ट से पूछा कि दवा का एक्सपायरी डेट देखते हैं कि नही। जवाब मिला जी सर। कौन-कौन शामिल थे टीम में

इस मॉक टीम में अहमदाबाद के डॉ. धीरज, एनएमसीएच पटना के प्राचार्य डॉ. सीताराम ¨सह और निश्चेतना विभाग के डॉ. अशोक कुमार थे शामिल। मौके पर टीम के साथ प्राचार्य डॉ. एचएन झा, अधीक्षक डॉ. आरआर प्रसाद, उपाधीक्षक डॉ. बालेश्वर सागर समेत अन्य डॉक्टर उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.