प्रदूषण रहित दीया एवं एक दीया शहीदों के नाम
दीपावली हर्षोल्लास का त्योहार है। सभी अपने ढंग से खुशियां मनाते हैं। यह तब और बढ़ जाता है जब दूसरों को भी अपनी खुशी में शामिल कर लिया जाए।
दरभंगा । दीपावली हर्षोल्लास का त्योहार है। सभी अपने ढंग से खुशियां मनाते हैं। यह तब और बढ़ जाता है जब दूसरों को भी अपनी खुशी में शामिल कर लिया जाए। खुशी के इस पावन बेला के स्वागत में शहर से लेकर गांव तक में लोग जोर-शोर से तैयारी में जुट गए है। खुशी के इस त्योहार को लोग प्रदूषण रहित दीपावली मनाने का मन तो पहले से ही बना लिया था। अब सरहद की रखवाली कर देशवासियों को सुकून का पल देने वाले शहीद सैनिकों के नाम एक दीप अलग से जलाने की भी लोगों में इच्छा जागृत होने लगी है। कहते है लोग
सैनिक हम लोगों की आन, बान और शान है। सरहद की सुरक्षा करते हुए कई बार सैनिक शहीद हो जाते है। ऐसे वीर सपूतों एवं उनके परिजनों के प्रति हमलोगों को भी अपनापन दर्शाने का दीपावली अच्छा अवसर है। खुशी के इस अवसर पर एक दीप अलग से शहीदों के नाम होना ही चाहिए।
मुकेश कुमार ¨सह, शिक्षक। शहीदों सैनिकों के परिजनों का हौसला बढ़ाने के लिए लोगों को कोई न कोई संदेश देना चाहिए। दीपावली में एक दीप शहीदों के नाम जला कर यह संदेश दिया जा सकता है। इस दीपावली से प्रत्येक वर्ष शहीदों के नाम अलग से दीप जलाया करेंगे।
बिल्टू सहनी, शिक्षाविद। दीपावली खुशी का त्योहार है। यह खुशी तब और भी बढ़ जाएगी जब पर्यावरण की सेहत का भी लोग ध्यान रखने लगेंगे। पारंपरिक दीपावली मनाने पर लोगों को अधिक बल देना चाहिए। तेज आवाज वाला पटाखा फोड़ने से अच्छा है लोगों में मिठाइयां बांटकर खुशी मनाई जाए।
रमण झा, शिक्षाकर्मी। दीपावली बच्चों के लिए विशेष महत्व रखता है। रंग-बिरंगी रोशनी और पटाखों का शोर बच्चों को लुभाता है लेकिन इससे पर्यावरण को अत्यधिक नुकसान होता है। लोग को चाहिए कि दीपावली की खुशी भी जमकर मनाएं और पर्यावरण का भी ख्याल रखा जाए।
रंजीत गुप्ता, शिक्षक।