लूट की घटनाओं पर रोक लगाने में लापरवाही बर्दाश्त नहीं : आइजी
दरभंगा। मिथिला के पुलिस महानिरीक्षक के पद पर आइपीएस अधिकारी अजिताभ कुमार ने मंगलवार को योगदान दिया। इससे पूर्व वे सीआइडी में तैनात थे। एक जनवरी को उनका स्थानांतरण यहां के लिए हुआ था। लेकिन उच्च न्यायालय से अनुमति प्राप्त नहीं होने के कारण उन्हें योगदान लेने में 54 दिनों तक इंतजार करना पड़ा।
दरभंगा। मिथिला के पुलिस महानिरीक्षक के पद पर आइपीएस अधिकारी अजिताभ कुमार ने मंगलवार को योगदान दिया। इससे पूर्व वे सीआइडी में तैनात थे। एक जनवरी को उनका स्थानांतरण यहां के लिए हुआ था। लेकिन, उच्च न्यायालय से अनुमति प्राप्त नहीं होने के कारण उन्हें योगदान लेने में 54 दिनों तक इंतजार करना पड़ा। बता दें कि धान घोटाले की जांच सीआइडी कर रही है और इसकी निगरानी पटना हाईकोर्ट कर रही है। ऐसी स्थिति में हाईकोर्ट का आदेश था कि घोटाले की जांच कर रहे हैं अधिकारियों का ट्रांसफर कोर्ट की अनुमति के बाद की किया जाएगा। आइजी अजिताभ कुमार के जिम्मे धान घोटाले की फाइल थी। लेकिन, स्थानांतरण के आदेश को उच्च न्यायालय ने स्वीकृति दे दी। इसके तहत पुलिस मुख्यालय ने योगदान हेतु आदेश निर्गत किया और मंगलवार को उन्होंने मिथिला क्षेत्र के आइजी के रूप में योगदान दे दिया।
योगदान के बाद उन्होंने नगर एसपी योगेंद्र कुमार, सदर एसडीपीओ अनोज कुमार, ट्रैफिक डीएसपी बिरजू पासवान, बिरौल एसडीपीओ दिलीप कुमार झा, मुख्यालय डीएसपी सुधीर कुमार के साथ बैठक कर अपराध और लंबित मामलों पर समीक्षा की। आइजी कुमार ने बैंक डकैती, फाइनेंस कर्मियों और सीएसपी संचालकों से हो रही लूट एवं सोना लूट आदि मामलों की जानकारी ली। कहा कि इन दिनों इस तरह की लूट की घटना में वृद्धि हुई है। ऐसे मामलों में पर्दाफाश करने और इस तरह की आपराधिक घटनाओं पर नकेल लगाने के लिए मुख्यालय गंभीर है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं जाएगी। सभी अधिकारियों को धरातल पर काम करने की नसीहत दी। कहा कि लंबित मामलों को अधिक से अधिक निष्पादन होना चाहिए।