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रोजगार सृजन की दिशा में ज्यादा प्रयास करने की जरूरत

दरभंगा। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि राज्य के बच्चों का बेहतर भविष्य के लिए सकारात्मक एवं रचनात्मक प्रयास करने की जरूरत है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 12:18 AM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 12:18 AM (IST)
रोजगार सृजन की दिशा में ज्यादा प्रयास करने की जरूरत
रोजगार सृजन की दिशा में ज्यादा प्रयास करने की जरूरत

दरभंगा। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि राज्य के बच्चों का बेहतर भविष्य के लिए सकारात्मक एवं रचनात्मक प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ अच्छा बनना चाहता है, जिससे कि अपने घर-परिवार और समाज में उसका मान-सम्मान बढ़े। लेकिन, आर्थिक परेशानियों के कारण अधिकांश लोग अपनी इच्छाओं को पूरी नहीं कर पाते हैं। कहा कि राज्य सरकार द्वारा आम जनता की परेशानियों को समझते हुए उनके कल्याण हेतु अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को पूरी निष्ठा एवं इमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा, तभी राज्य की सूरत बदलेगी। कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा मुख्यता समाज के निचले तबके के लोगों के कल्याण को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई गई है। इसमें प्रधानमंत्री-इंदिरा आवास योजना, मनरेगा योजना, लोहिया स्वच्छ बिहार योजना आदि महत्वपूर्ण है। वे गुरूवार को समाहरणालय स्थित डॉ. भीमराव अंबेदकर सभाकक्षा में ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी रोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करना है। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं के प्रगति की बारी-बारी से समीक्षा की। प्रधानमंत्री व इंदिरा आवास योजना की समीक्षा में पाया गया कि अधिकांश लाभार्थियों द्वारा प्रथम किश्त की राशि प्राप्त कर लेने के बाद भी आवास का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। मंत्री ने कहा है कि डिफॉल्टर लाभार्थियों को मकान का निर्माण कराने में अगर कोई वास्तविक समस्या आ रही है तो उन समस्याओं का निराकरण में उनको सहयोग प्रदान करें। बावजूद कोई आवास निर्माण नहीं करा रहा तो उनके विरूद्ध नोटिस निर्गत कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें। कहा कि विभाग की ओर से सभी प्रखंडों में मनरेगा भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, राजीव गांधी सेवा केंद्र, सद्भावना मंडल, खेल मैदान आदि का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन, विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में जमीन की खासी समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए सभी अंचलों में प्रस्तावित इन योजनाओं के लिए पूर्व में ही जमीन चिन्हित एवं मापी कराकर जमीन सुरक्षित कर लेनी चाहिए। कहा कि अभी बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है, इसलिए रोजगार सृजन की दिशा में ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन तेजी से एवं गुणवत्तापूर्ण हो, इसके लिए अधिकारियों को योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रारंभ से ही पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके पूर्व उप विकास आयुक्त डॉ. कारी प्रसाद महतो ने लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा योजना, जल-जीवन हरियाली अभियान आदि की कार्य प्रगति का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया गया। बताया कि जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत जिला में वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन कर अब तक 1 लाख 77 हजार 295 पौधे लगाए गए हैं। प्राकृतिक जलश्रोतों के जीर्णोद्धार योजना के तहत 181 तालाब, 105 आहर व पैन का उड़ाहीकरण किया गया है। आवास योजना की समीक्षा में बताया गया कि इंदिरा आवास योजना के तहत 2 लाख 82 हजार 238 आवास का निर्माण अधूरा पड़ा है। जीविका योजना की समीक्षा में मंत्री ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने 2 अक्टूबर के पूर्व जीविका समूह की सभी दीदीयों के घर में शौचालय का निर्माण पूर्ण कराने का निर्देश डीपीएम जीविका को दिया है। इसके बाद मंत्री ने समाहरणालय परिसर से जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बता दें कि जागरूकता रथ जिला के सभी प्रखंड क्षेत्रों में घूम-घूम कर जल-जीवन हरियाली की महत्ता के बारे में आम लोगों को जागरूक करेगा। बैठक में प्रशिक्षु सहायक समाहर्ता विनोद दूहन, अपर समाहर्ता (विभागीय जांच) वीरेंद्र प्रसाद, निदेशक डीआरडीए वसीम अहमद, सभी बीडीओ, सीओ आदि मौजूद थे।

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