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नक्सली व आपराधिक खौफ बेअसर, 54.86 फीसद पड़े वोट

दरभंगा। इस बार विधानसभा चुनाव में नक्सल व अपराध प्रभावित इलाके में लोगों ने बेखौफ मतदान किया। श

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 12:27 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 12:27 AM (IST)
नक्सली व आपराधिक खौफ बेअसर, 54.86 फीसद पड़े वोट
नक्सली व आपराधिक खौफ बेअसर, 54.86 फीसद पड़े वोट

दरभंगा। इस बार विधानसभा चुनाव में नक्सल व अपराध प्रभावित इलाके में लोगों ने बेखौफ मतदान किया। शाम के छह बजे तक कुल 54.86 फीसद वोट पड़े। नक्सली प्रभाव के लिए पिछले डेढ़ दशक तक चर्चित जिले के बहादुरपुर, सिंहवाड़ा और बहेड़ी थानाक्षेत्र में लोकतंत्र के महापर्व में नजारा काफी बदला नजर आया। सभी घरों से मतदाता आत्मविश्वास से लबरेज मतदान के लिए निकले। मन में तनिक भी किसी का डर नहीं रहा। मतदान केंधरों पर पहुंचे लोगों ने कहा- वो दिन अब लद गए, जब किसी को मतदान नहीं करने दिया जाता था। हर ओर अमन शांति है, लोग खुशहाल हैं। तभी तो आज खुलकर अपने मत का प्रयोग कर रहे हैं। कोई जीते, कोई हारे हमारे इलाके में अब शांति भंग नहीं हो सकती यह तय है।

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बहादुरपुर थाना व सोनकी ओपी क्षेत्र में कलतक नक्सलवाद की फसल थी। लेकिन, अब यहां उनके गढ़ देकुली, टिकापट्टी, चट्टी, वासुदेवपुर, डगरसाम, कुटी डगरसाम आदि गांवों में लोकतंत्र की फसल लहलहा रही है। लोग बताते हैं कि वर्ष 1997 से लेकर 2007 तक जो स्थिति थी उसको लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी परेशान होते थे। हर पल चिता सताती रहती थी कि अगले पल न जाने क्या हो जाए। लेकिन, इन 13 वर्षों में काफी बदलाव आया है। नक्सलवाद की राह पर चलने वाले युवक अब समाज की मुख्यधारा से जुड़कर विकास की राह पर चल रहे हैं। सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र का सनहपुर क्षेत्र में सामंतवाद के खिलाफ उठी बंदूकों ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया। लेकिन, अब यहां के लोग शांति की राह पर चल रहे। जहां लोग वोट डालने से डरते थे वहां हंसते-खेलते मतदाता अपने मत का प्रयोग कर रहे थे। गांव की महिलाओं के चेहरे पर बिखरी मुस्कान से जाहिर था कि आज कोई कोई बड़ा काम किया है। बहेड़ी के शिवराम सहित आस-पास के कई गांवों के 22 नक्सलियों ने 2003 में आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने का संकल्प लिया। इसके बाद से यहां भी लोकतंत्र की फसल आबाद है।

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इतिहास को याद कर कांप जाते हैं लोग :

बहादुरपुर के रामशंकर बताते हैं - बहादुरपुर सोनकी ओपी के डगरसाम गांव में 24 अक्टूबर 1998 को नरसंहार हुआ था। गर्भवती महिला की हत्या कर दी गई थी। आज उस दिन की याद आते रूह कांप जाती है। इस कारण से इस बार का वोट शांति के नाम किया गया है।

सिंहवाड़ा के सनहपुर में तब बूथ लूट लिया जाता था। यहां के किसान ऐसे मजबूर हुए कि कुदाल की जगह बंदूक उठाया। लखनपुर गांव निवासी जगदेव पासवान के इकलौते पुत्र को ईंट की चिमनी में फेंककर जिदा जला दिया गया था।

गांव के मुखिया अमृत चौरसिया उर्फ भोगेंद्र भगत बतातें हैं कि वह अतीत था। आज कोई खोप नहीं हैं। लोकतंत्र पर लोगों विश्वास टिका है। मतदाताओं ने भयमुक्त होकर मतदान किया है। मतदान कर वापस हुई सोमनी देवी ने बताया कि कल और आज में काफी अंतर है। यह व्यवस्था कायम रहे, सामाज में कोई बैर नहीं रहे, चारो तरफ विकास दिखे और क्या चाहिए। शिवराम के लखन लाल देव कहते हैं अब मिट्टी को लाल करने का जमाना नहीं रहा। प्रशासन की सक्रियता लोगों ने मुख्यधारा से जुड़कर विकास को गति दे रहे हैं। पुरानी बातों को याद करने से कोई फायदा नहीं।

-------------- जिले में विधानसभावार मतदान का प्रतिशत 83- दरभंगा-55.4 फीसद

84- हायाघाट-54.9 फीसद

85- बहादुरपुर - 55.2 फीसद

86- केवटी -55.3 फीसद

87- जाले - 53.8 फीसद

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