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जयनगर में होनी थी जब्त 1.11 करोड़ की डिलेवरी

दरभंगा। दरभंगा-समस्तीपुर मार्ग में जिले के विशनपुर थानाक्षेत्र के हनुमाननगर स्थित चेक पोस्ट पर

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 12:31 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 05:12 AM (IST)
जयनगर में होनी थी जब्त  1.11 करोड़ की डिलेवरी
जयनगर में होनी थी जब्त 1.11 करोड़ की डिलेवरी

दरभंगा। दरभंगा-समस्तीपुर मार्ग में जिले के विशनपुर थानाक्षेत्र के हनुमाननगर स्थित चेक पोस्ट पर मंगलवार को एक स्कार्पियो से एक करोड़ 11 लाख 9 हजार 1 सौ 50 रुपये की जब्ती के साथ यह बात साफ हो गई है कि इस रुपये का मालिक काफी शातिर है। वजह यह कि रुपये को गाड़ी की डिक्की में अलग-अलग झोलों रखा गया था, ताकि किसी को शक नहीं हो। पुलिस इस बात का पता लगा रही कि उपरोक्त राशि मधुबनी जिले के जयनगर में किसके यहां दी जानी थी। इतनी बड़ी राशि आई कहां से। हालांकि, सूत्र इस बात का भी इशारा कर रहे हैं कि उपरोक्त धन मनी एक्सचेंज और हुंडी के कारोबारियों से संबंधित हो सकती है। जयनगर से लगनेवाली नेपाल की सीमा पर नोट बदलने का कारोबार चलता है। संभव है कि यह राशि वहीं पहुंचाई जानी थी। इसके पीछे कई सफेदपोश लोगों की भी संलिप्तता बताई जा रही है। लेकिन, पुलिस फिलहाल नोट की इस बड़ी खेप के परिवहन से जुड़े नेटवर्क के बारे में कुछ भी बताने से परहेज कर रही है। बताया गया है कि चुनाव के वक्त में भी रुपये का परिवहन इस तरीके से हो सकता है। ऐसे में बिना जांच पूरी हुए कुछ भी कहना जल्दबाजी है।

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बंगाल के रोहित ने पानी में फेंक दिया सेलफोन

प्रारंभिक तौर पर सामने आए तथ्यों के मुताबिक पकड़े गए लोगों में मधुबनी के जयनगर निवासी चालक संतोष पासवान और रुपये के साथ बैठे रोहित खंडेवाल के आवासीय पते में अंतर पाया गया। मामले में फरार युवक गौतम कुमार जयनगर का निवासी है। छापे के दौरान रोहित ने अपना मोबाइल पानी में फेंका तो पुलिस को शक है कि नेटवर्क का पर्दाफाश होने के डर से तो रोहित ने सेलफोन फेंका। गहनता से उसकी जांच हुई तो उसके पास से मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान बंगाल के रानीगंज निवासी के रूप में हुई। पुलिस को उसने बहुत घुमाया। अंत में बताया कि जयनगर में अपनी बहन के यहां रहता है।

पुरुषोत्तम झा जांच के दायरे में

रोहित ने पुलिस को कई बार भ्रमित करने की कोशिश की। पहले बताया सीमेंट का पैसा समस्तीपुर से कलेक्शन कर लाया है। दुकान बताने में नाकाम रहा। फिरअपने बॉस के रूप में पुरुषोत्तम झा का नाम लिया। अब सवाल यह है कि पुरुषोत्तम के बुलाने पर रोहित समस्तीपुर गया। इतनी बड़ी रकम ले ली। और उसे पुरुषोत्तम के ऑफिस और घर की जानकारी नहीं है। 12 हजार रुपये के लिए इतना बड़ा रिस्क वह भी चुनाव के वक्त लेना कई सवाल खड़े करता है। सवाल यह कि पुरुषोत्तम से एक करोड़ लेनेवाले को उसके घर का पता नहीं है। जिसके लिए काम करता है। उसका भी पता नहीं है। ऐसे में संभावना व्यक्त की जा रही है कि राशि नेपाल बॉर्डर पर होनेवाले मनी एक्सचेंज के धंधे में जुड़े लोगों से संबंधित हो सकती है। देर रात तक मामले की जांच चल रही थी।

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