पीएम की बुलेट ट्रेन का सपना साकार करने में मिथिला का लाल भी
देश में बुलेट ट्रेन के परिचालन की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है।
दरभंगा। देश में बुलेट ट्रेन के परिचालन की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने वाली टीम में मिथिलांचल का लाल भी शामिल है। बेनीपुर प्रखंड के महिनाम गांव निवासी डॉ. ललितेश्वर झा के पुत्र नर्मदेश्वर झा इन दिनों बुलेट ट्रेन परिचालन की ट्रे¨नग लेने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी के 15 दिनों के दौरे पर हैं। नर्मदेश्वर के चयन से महिनाम सहित पूरा मिथिलांचल अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। नर्मदेश्वर तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही महिनाम हाईस्कूल से हुई। इसके बाद बेगुसराय के मंझौल कॉलेज से इंटर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद एमआइटी से इंजीनिय¨रग की पढ़ाई पूरी की। आइआइटी कानपुर से एमटेक करने के बाद इंडियन इंजीनिय¨रग सर्विस की तैयारी में जुट गए। माता-पिता के साथ इनकी भी इच्छा आइएएस बनकर देश की सेवा करने की थी। वर्ष 2002 में नर्मदेश्वर का चयन आइईएस के लिए हुआ। जिसके बाद सेंट्रल वाटर कमीशन दिल्ली में सीनियर अभियंता के पद पर नियुक्ति हुई। नौकरी पाने के बावजूद यूपीएससी की तैयारी में लगे रहे। मेहनत रंग लाई और इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस के लिए चुना गया। पहली पो¨स्टग भुसावल में सीनियर डीसीएम पद पर हुई। महाराष्ट्र के शोलापुर में बतौर सीनियर डिवीजनल ऑपरेशनल मैनेजर रहे। वर्तमान में मुंबई सेंट्रल रेलवे में सीनियर डीओएम के पद पर हैं। नर्मदेश्वर की पत्नी प्रतिभा झा मुबंई में प्रोफेसर हैं। पिता मंझौल संस्कृत कॉलेज में प्राध्यापक थे। नर्मदेश्वर के माता-पिता और सगे संबंधी गांव में ही रहते हैं। चचेरी दादी रामपरी देवी, चाचा अनिल झा व जटाशंकर झा का कहना है कि नर्मदेश्वर अपने तीन भाई एवं चार बहनों में शुरू से ही सबसे ज्यादा प्रतिभावन और तेजस्वी थे। ग्रामीण पूर्व विधायक महेन्द्र झा आजाद, पूर्व प्रमुख वीणा झा व जदयू के प्रखंड अध्यक्ष कीर्ति मोहन झा सहित व्यवसायी गणेश झा, रमेश झा आदि ने बताया कि नर्मदेश्वर की इस उपलब्धि से पूरा गांव आज गौरवान्वित महसूस कर रहा है।