डीजल घोटाला की भेंट चढ़ी निगम बोर्ड की बैठक
नगर निगम में डीजल घोटाला के पर्दाफाश हुए एक सप्ताह से उपर हो गए, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
दरभंगा । नगर निगम में डीजल घोटाला के पर्दाफाश हुए एक सप्ताह से उपर हो गए, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यहीं कारण रहा कि गुरुवार को आयोजित बोर्ड की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। नाराज पार्षद आक्रोशित थे। सदन में एजेंडा पर चर्चा होने से पहले डीजल घोटाला पर चर्चा करने की मांग कर रहे थे। पार्षदों का कहना था कि डीजल घोटाला कैसे हुआ, कौन किया, कौन दोषी है, इसपर क्या कार्रवाई हुई इसका जवाब चाहिए फिर सदन की कार्यवाही शुरू होगी। लेकिन मेयर और निगम प्रशासन शुरुआती दौर में मौन धारण किए रहे। बाद में पार्षदों की आवाज को दबाने की कोशिश की गई। जिससे पार्षद दो खेमों में बंट गए और सदन, सदन न रहकर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। हालांकि इस बीच विधान पार्षद अर्जुन सहनी ने भी मामले की उच्चस्तरीय जांच की वकालत की। पार्षद पूजा मंडल, मधुबाला सिन्हा, परशुराम गुप्ता आदि ने डीजल घोटाला पर मेयर को घेरना शुरू कर दिया। उन्होंने चार माह में मेयर की गाड़ी में भराए गए 2200 लीटर डीजल पर जवाब मांगा। मेयर बैजंयती देवी खेड़िया ने कहा कि उन्हें डीजल घोटाला की जानकारी अखबार के माध्यम से मिली है। उन्होंने सरकारी राशि का कोई दुरुपयोग नहीं किया। वे शहर के विभिन्न वार्डों के भ्रमण के अलावा केवल एक बार बाबा के दर्शन को बनारस गई थी। उसमें भी आते वक्त उन्होंने अपने पैसे से डीजल भराया था। मेयर के जवाब से असंतुष्ट पार्षद इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग करते रहे। लेकिन मेयर ने किसी की नहीं सुनी। डीजल घोटाला की जांच पार्षदों की पांच सदस्यीय कमेटी से कराने पर वे अड़ी रही। करीब ढ़ाई घंटे तक पार्षद मांग करते रहे, लेकिन मेयर नहीं झुकी। मेयर के समर्थक भी खुलकर असंतुष्ट पार्षदों को समझाने में लगे रहे। बात नहीं बनी तो कई बार एक-दूसरे पर उंगलियां भी तान दी। इस बीच असंतुष्ट पार्षद भी दूसरे खेमों को चुप रहने की नसीहत देने लगे। उनका कहना था कि वे मेयर से जवाब की मांग कर रहे हैं तो ऐसे में स्थायी समिति के सदस्य क्यों बीच में रोड़ा बन रहे हैं? डीजल घोटाला के बीच एक बार डिप्टी मेयर बदरुजम्मा खां व पूजा मंडल में भी नोंकझोंक हो गई। डिप्टी मेयर के पूजा को तू कहने से नाराज पार्षदों ने इसका भी विरोध किया। काफी देर गहमा-गहमी के बाद असंतुष्ट पार्षद गेट पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। इस बीच मेयर चुपचाप अपनी सीट पर बैठी रही। काफी देर के बाद बोर्ड की बैठक शुरू हुई। इसमें पार्षदों ने शहर की साफ-सफाई, जमादारों की मनमानी, खराब पड़े स्ट्रीट लाइट, चापाकल, नाला की सफाई, बंदरों का प्रकोप, आवारा पशुओं से छुटकारा, वृद्धा पेंशन आदि पर सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। मेयर ने चापाकल और स्ट्रीट लाइट की जांच कराने की बात कहीं। बैठक के दौरान लाए गए सभी तीन प्रस्तावों को बाकी सदस्यों ने पास कर दिया। मौके पर पार्षद अजय कुमार जालान, विनोद मंडल, मुन्नी देवी, उपेन्द्र कुमार, शशिचंद्र पटेल सहित नगर विधायक संजय सरावगी, विधान पार्षद अर्जुन सहनी, नगर आयुक्त नागेन्द्र कुमार ¨सह, नगर अभियंता रतन किशोर वर्मा, प्रजापति मिश्र, लेखा पदाधिकारी निरंजन प्रसाद सिन्हा आदि मौजूद थे। डीजल घोटाला गंभीर मामला : विधायक
जासं, दरभंगा : निगम बोर्ड की बैठक में मौजूद नगर विधायक संजय सरावगी ने डीजल प्रकरण पर कहा कि हमारी सरकार में न तो किसी को बचाया जाता है न तो किसी को फंसाया जाता है। डीजल घोटाला गंभीर मामला है। इसकी जांच होनी चाहिए। पदाधिकारियों को भी वाहनों के लॉग बुक की जांच करनी चाहिए। आखिर सरकार उनको पैसा इसी काम का देती है। यह पैसा जनता से करों के रूप में वसूला जाता है। चार दिन में कोई भी गाड़ी इतना नहीं चल सकती जितना डीजल भराया गया है।