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पोषक के पांच सूत्रों को जन-जन तक पहुंचाएं

दरभंगा । जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने बुधवार को समाहरणालय परिसर से राष्ट्रीय पोषण र

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 01:24 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 01:24 AM (IST)
पोषक के पांच सूत्रों को जन-जन तक पहुंचाएं
पोषक के पांच सूत्रों को जन-जन तक पहुंचाएं

दरभंगा । जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने बुधवार को समाहरणालय परिसर से राष्ट्रीय पोषण रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कहा- बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। कुपोषण दूर करने को ले विशेष रूप से विभाग द्वारा निर्धारित पोषण के पांच सूत्रों को विशेष रूप से जन-जन तक पहुंचाने का तथा अति कुपोषित बच्चों की पहचान कर एनआरसी में भेजने का निर्देश दिया। आंगनबाड़ी केंद्र के सभी सेविका टीएचआर का वितरण ससमय करें तथा जो लक्ष्य दिया गया है उसे पूरा करें। वहीं, समेकित बाल विकास की जिला प्रोग्राम पदाधिकारी अलका आम्रपाली ने बताया कि कुपोषण मुक्त भारत बनाने के लिए पोषण अभियान के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पांच सूत्र बताए गए हैं। इनमें पहले सुनहरे एक हजार दिन सबसे पहला है। पहले सुनहरे एक हजार दिनों में तेजी से बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। जिसमें गर्भावस्था की अवधि से लेकर बच्चे के जन्म से दो साल तक की उम्र तक की अवधि शामिल है। इस दौरान बेहतर स्वास्थ्य, पर्याप्त पोषण, प्यार भरा एवं तनाव मुक्त माहौल तथा सही देखभाल बच्चों के पूर्ण विकास में सहयोगी होता है। दूसरा है पौष्टिक आहार। शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पीला गाढ़ा दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगले 6 माह तक केवल मां का दूध बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है। उसके बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की जरूरत होती है। घर का बना अ‌र्द्ध ठोस भोजन ऊपरी आहार की शुरुआत के लिए जरूरी होता है। तीसरा है एनीमिया प्रबंधन। गर्भवती माता, किशोरियां एवं बच्चों में एनीमिया की रोकथाम जरूरी है। गर्भवती महिला को 180 दिन तक आयरन की एक लाल गोली जरूर खानी चाहिए। 10 वर्ष से 19 साल की किशोरियों को सप्ताह में सरकार द्वारा दी जाने वाली आयरन की एक नीली गोली का सेवन करना चाहिए। 6 माह से 59 माह के बच्चों को सप्ताह में दो बार एक मिलीलीटर आयरन सिरप देनी चाहिए। चौथा है डायरिया प्रबंधन। शिशुओं में डायरिया शिशु मृत्यु का कारण भी बन सकता है। छह माह तक के बच्चों के लिए केवल स्तनपान ऊपर से कुछ भी नहीं डायरिया से बचाव करता है। साफ-सफाई एवं स्वच्छ भोजन डायरिया से बचाव करता है। डायरिया होने पर लगातार ओआरएस का घोल एवं 14 दिन तक जिक देना चाहिए। पांचवां है स्वच्छता एवं साफ-सफाई। साफ पानी एवं ताजा भोजन संक्रामक रोगों से बचाव करता है। शौच जाने से पहले एवं बाद में तथा खाना खाने से पूर्व एवं बाद में साबुन से हाथ धोना चाहिए। घर में तथा घर के आसपास सफाई रखनी चाहिए। इससे कई रोगों से बचा जा सकता है।

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