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    Darbhanga News : मदरसा शिक्षकों के वेतन की राशि से कर दिया बकाए का भुगतान

    By Mrityunjay Bhardwaj Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Tue, 02 Dec 2025 04:49 PM (IST)

    दरभंगा शिक्षा विभाग की स्थापना शाखा में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं, जहां जाली प्रमाण पत्रों पर शिक्षकों की नियुक्ति और मदरसा शिक्षकों के बकाया व ...और पढ़ें

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    शिक्षा भवन- फाइल फोटो।

    अबुल कैश नैयर/ संवाद सहयोगी, दरभंगा। शिक्षा विभाग की स्थापना शाखा एक दशक से अपने भ्रष्ट आचरण के लिए सुर्खियों में है। कभी शिक्षकों की फर्जी बहाली को लेकर तो कभी फर्जी शिक्षकों को भुगतान को लेकर। आज भी बहेड़ी ,बहादुरपुर ,कुशेश्वरस्थान,गौड़ाबौराम आदि प्रखंडों में एक सौ से अधिक शिक्षक हैं जो जाली प्रमाण पत्र और प्राधिकार के फर्जी आदेश पर कार्यरत हैं।

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    अलीनगर की एक पंचायत में प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश के बावजूद पंचायत सचिव और मुखिया की कृपा से एक शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर स्कूल में शिक्षक बना बैठा है। इन सारे मुद्दों पर जब जब हंगामा मचा, जांच हुई और फिर सब मैनेज हो गया, लेकिन मदरसा शिक्षकों के पहली अप्रैल 2007 से बकाया भुगतान के मामले में वसूली के खेल ने तो सारी सीमाएं लांघ दी।

    स्थापना शाखा के डाटा इंट्री आपरेटर और कर्मचारियों ने आधा भुगतान करो और आधा अपनी जेब में रखो के लालच में राशि के विचलन की सरकारी बंदिश की भी परवाह नहीं की। उन्होंने मदरसा शिक्षकों के वेतन के लिए सरकार से वार्षिक आवंटित राशि से बकाए का भुगतान कर दिया।

    विडंबना तो यह है कि जब वेतन नहीं मिलने की शिकायत हुई, जांच हुई तब इस गड़बड़झाला का पता चला। डीईओ ने शिकायत के आलोक में जांच के लिए स्थापना शाखा के कर्मचारियों को निर्धारित तिथि और समय पर बुलाया तो वह इतने ढीठ निकले कि डीईओ के आदेश भी अंगूठा दिखा दिया। जबकि डीईओ को मिली शिकायत में उन मदरसों में से कुछ का नाम भी स्पष्ट किया गया है जहां के शिक्षकों को वेतन की राशि से बकाए का भुगतान किया गया है।

    इन मदरसों में शहर का प्रतिष्ठित किलाघाट का मदरसा हमीदिया और जाले के गरडी का मदरसा रहमानिया सम्मिलित हैं। हालांकि यह भी बताया गया है कि बिना मानक वाले मदरसों को मान्यता दिलाने और वेतन तथा अन्य कार्रवाई के लिए शिक्षकों और पदाधिकारियों के बीच सेतु का काम करने वाले मदरसा शिक्षक संघ के एक नेता की बड़ी भूमिका साजिश भी राशि के विचलन और कमीशन के खेल में है।

    उन्होंने बकाए वेतन भुगतान का आधा तो स्थापना कार्यालय में शिक्षकों से नकद या अग्रिम चेक के रूप में वसूल कर स्थापना के बाबुओं को दिया। आधा में आधा स्वयं रख लिया। शिक्षक भी खुश कि उनका डूबा पैसा भले एक चौथाई ही सही नेताजी की कृपा से मिल तो गया।

    स्थापना शाखा के चार कर्मचारियों को जांच के लिए 10 नवंबर को बुलाया गया था। लेकिन वह नहीं आए। अब आठ दिसंबर की तिथि निर्धारित है। उस दिन नहीं आए तो कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
    केएन सदा , डीईओ, दरभंगा