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ग्रामीण बैंकों की शाखाओं में करेंसी की कमी

नोटबंदी लागू होने से सबसे परेशानी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को झेलनी पड़ रही है।

By Edited By: Published: Tue, 13 Dec 2016 01:24 AM (IST)Updated: Tue, 13 Dec 2016 01:24 AM (IST)
ग्रामीण बैंकों की शाखाओं में करेंसी की कमी

दरभंगा। नोटबंदी लागू होने से सबसे परेशानी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को झेलनी पड़ रही है।अधिकांश लोगों के खाते उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में हैं। पड़ताल के दौरान यह बात सामने आई कि गत 8 नवंबर से 15 नवंबर तक इस बैंक से लोगों को पैसे नहीं मिले। इसके चलते कई दिनों तक लोगों के आक्रोश का सामना बैंक कर्मियों को करना पड़ा। लोगों का आरोप था कि इस बैंक में बड़े लोगों को गुपचुप तरीके से पैसे दिए जा रहे हैं।लेकिन इन आरोपों से बैंक प्रबंधकों ने पल्ला झाड़ लिया। जानकारी के मुताबिक ग्रामीण बैंक की रोहार,शिवनगर घाट,पोखराम,देकुली जगरनाथ पुर,गौराबौराम के बगराशी, आसी सहित शाखाओं में 15 नवंबर तक नोटों की आपूर्ति ही नहीं की गई। रोहार शाखा को नोटबंदी के एक सप्ताह बीत जाने के बाद 16 नवंबर को 3 लाख रुपये मिले। इस दिन दो हजार लोग पैसे के लिए लाइन में लगे थे। किसी तरह से ग्राहकों को समझा बूझा कर प्रति ग्राहक 5 सौ रुपये दिए गए। इसके बाद 17,18,19 व 20 नवंबर को इस बैंक को पैसे ही नहीं मिले। 21 नवंबर को 3 लाख ,2दिसंबर को 4 लाख और 7 दिसंबर को 6 लाख रुपये मिले। ग्रामीण बैंक की शिवनगर घाट शाखा में करीब 5 हजार से ज्यादा ग्राहक हैं। इस समय भी उस बैंक से लोगों को पैसे नहीं मिल रहे हैं। इसी तरह से बगरासी,आसी,पोखराम और देकुली जगरनाथपुर शाखा की भी कमोवेश यही स्थिति है।


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