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कश्मीर भारत का अंग बना, इसका श्रेय सिर्फ नेहरू को : डॉ. शकील

दरभंगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद ने पं. जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर का असली हितैषी बताया। कहा कि देश की आजादी के बाद अगर किसी गैर कश्मीरी ने वहां के दर्द को जानने की कोशिश की तो उसमें पहला नाम देश के पहले प्रधानमंत्री पं नेहरू का था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 12:28 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 12:28 AM (IST)
कश्मीर भारत का अंग बना, इसका श्रेय सिर्फ नेहरू को : डॉ. शकील
कश्मीर भारत का अंग बना, इसका श्रेय सिर्फ नेहरू को : डॉ. शकील

दरभंगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद ने पं. जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर का असली हितैषी बताया। कहा कि देश की आजादी के बाद अगर किसी गैर कश्मीरी ने वहां के दर्द को जानने की कोशिश की, तो उसमें पहला नाम देश के पहले प्रधानमंत्री पं नेहरू का था। अभी जो कुछ हो रहा है और बोला जा रहा है, वह सिर्फ राजनीति है। दरभंगा परिसदन में प्रेस वार्ता में कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर आज पूर्व की सरकार को जो बदनाम कर रहें हैं, उनका देश की आजादी में कोई योगदान नहीं रहा। देश के लिए पं. जवाहरलाल नेहरू नौ वर्षो तक जेल में रहें। यह उनका देश के लिए त्याग रहा है। यही कारण है कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना। कश्मीर भारत में रह गया, इसका श्रेय नेहरू को जाता है। लेकिन, आज इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है। राजा हरि सिंह चाहते थे कि कश्मीर स्वतंत्र रहे। जबकि, नेहरू चाहते थे कि कश्मीर भारत का अंग रहे। इसे लेकर जब नेहरू और शेख अब्दुल्ला वहां गए, तो गिरफ्तार कर लिया गया। नेहरू ने एक अगस्त 1947 को सरदार बल्लभ भाई पटेल को पत्र लिखकर सबसे मजबूत पिलर बताया। इसका जवाब सरदार पटेल ने तीन अगस्त 1947 को देते हुए कहा कि जितना त्याग आपने देश के लिए किया वह किसी ने नहीं किया। मेरी सेवाएं अंतिम क्षण तक आपको समर्पित हैं। लेकिन, अब कहा जाता है पटेल ऊपर थे और पं. नेहरू नीचे। सरदार पटेल से पं. नेहरू की तुलना कर उनके व्यक्तित्व को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है। अगर सरदार पटेल गुजरात के नहीं होते तो मोदीजी उनका नाम भी नहीं लेते। यह सब अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए कहा जा रहा है। इतिहास को खत्म करने की कोशिश है। आजादी और तरक्की में नेहरू का योगदान है। मौके पर कांग्रेस नेता गजेंद्र झा, मो. असलम, चंदन झा, तनवीर अनवर आदि उपस्थित थे।

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