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खून के लिए तड़पता रहा कलाम, डीएमसीएच कर्मी को नहीं था मलाल

डीएमसीएच में मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई है। गोली लगने से घायल मो. कलाम खून के लिए ऑपरेशन थियेटर में तड़पता रहा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 01:02 AM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 01:02 AM (IST)
खून के लिए तड़पता रहा कलाम, डीएमसीएच कर्मी को नहीं था मलाल
खून के लिए तड़पता रहा कलाम, डीएमसीएच कर्मी को नहीं था मलाल

दरभंगा । डीएमसीएच में मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई है। गोली लगने से घायल मो. कलाम खून के लिए ऑपरेशन थियेटर में तड़पता रहा। लेकिन, इसका तनिक भी मलाल डीएमसीएच कर्मी को नहीं था। हर हाल में पहले डोनर को खून देने को कहा गया। इस बात की जानकारी मिलते ही कलाम के फुफेरे भाई मो. शमशाद और मो. फारूक सहित चाचा मो. आलम खून देने के लिए दौड़ पड़े। इधर, छात्र जाप के कई कार्यकर्ता भी खून देने के लिए पहुंचे। तब तक जख्मी कलाम खून के लिए जीवन-मौत से लड़ता रहा। ब्लड बैंक में खून देने के बाद ही परिजनों को ब्लड बैग मुहैया कराई गई। जिसे ऑपरेशन थियेटर में लाकर दिया गया। दरअसल, कलाम के सिर में दो गोली लगने के कारण काफी मात्रा में खून बह चुका था। कान, नाक और मुंह से खून का धाराप्रवाह बह रहा था। चिकित्सकों की लाख कोशिशों के बावजूद इंटरनल ब्लिडिग नहीं रुक रही थी। ऐसी स्थिति में खून चढ़ाने के अलावा अन्य कोई दूसरा विकल्प नहीं था। लेकिन, ब्लड बैंक के कर्मियों को इससे कोई लेना देना नहीं था। स्पष्ट रूप से कहा गया पहले खून दो उसके बाद ही ब्लड बैग दिया जाएगा। संयोग था कि खून चढ़ने तक मरीज का पल्स रेट और बीपी सही था। चिकित्सकों के अनुसार, जख्मी के सिर में दो गोली लगी है। एक छेदते हुए बाहर निकल गई। दूसरी गोली फंस गई। बहरहाल, चिकित्सकों ने समय रहते कलाम को पटना को रेफर कर दिया। बताया गया कि वहां बेहतर सुविधा उपलब्ध है। बीपी और पल्स रेट सही रहने के कारण यहां रिक्स लेने से बेहतर रेफर करना मुनासिब समझा गया।

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मकान मालिक और ठेकेदार पर शक

मब्बी ओपी के शिवधारा स्थित दरभंगा-मुजफ्फरपुर फोरलेन पर बाइक सवार बदमाशों बदमाशों की गोली से घायल हुए बिजली मिस्त्री मो. कलाम फिलहाल बच गया है। उसे सही सलामत देर शाम पीएमसीएच में भर्ती करा दिया गया। जहां वह इलाजरत है। घटना को लेकर मकान मालिक और बिजली मिस्त्री ठेकेदार बाबा पर हत्या करने की आशंका व्यक्त की गई है। बताया जाता है कि जिस बाबा बिजली मिस्त्री पर आशंका व्यक्त की गई है उसके साथ सुबह में मारपीट भी हुई थी। वॉयरिग की ठेकेदारी को लेकर उससे अदावत होने की बात कहीं गई है। बहरहाल, मामला जो भी हो पुलिस अनुसंधान में जुटी है। ट्रैफिक डीएसपी बिरजू पासवान के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। पुलिस का दावा है मामला जो भी हो उसका खुलासा जल्द कर दिया जाएगा।

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बचपन से दरभंगा में रहता था कलाम

मधुबनी जिले के बाबूबरही थाना के कलुआ निवासी मो. काशिम के पुत्र मो. कलाम का दरभंगा से गहरा लगाव है। यही कारण है कि वह बचपन से दरभंगा रह रहा था। अपनी फुआ के घर रहकर पहले पढ़ाई की। बाद में किराए के मकान में रहकर रोजगार भी करने लगा। घटना की जानकारी मिलते ही कलाम के बचपन का दोस्त व आजमनगर स्थित शिक्षक कॉलोनी निवासी प्रभाष सिंह अपनी मां के साथ डीएमसीएच पहुंए गए। जहां कलाम का फुफेरे भाई मो. फारूक उन्हें देखते ही गला से लिपटकर दहाड़ मारकर रोने लगा। कह रहा था कि चाची मेरे भाई को बचा लो। बचपन से साथ रहा है। उसकी स्थिति को देख प्रभाष और उसकी मां भी जोड़-जोड़ से चिल्लाने लगी। प्रभाष ने बताया कि कलाम उसका बचपन का दोस्त है। प्रभाष की मां का कहना था कि वह काफी प्यारा लड़का था।


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