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ज्योति का नौंवी कक्षा में हुआ दाखिला, किताब मिलते ही खुशी से झूम उठी

गुरुग्राम से 12 सौ किमी साइकिल पर अपने पिता को बैठाकर सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गांव पहुंची ज्योति कुमारी का प्लस टू उच्च विद्यालय पिडारुच में नौंवी कक्षा में नामांकन करा दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 01:15 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 01:15 AM (IST)
ज्योति का नौंवी कक्षा में हुआ दाखिला, किताब मिलते ही खुशी से झूम उठी
ज्योति का नौंवी कक्षा में हुआ दाखिला, किताब मिलते ही खुशी से झूम उठी

दरभंगा। गुरुग्राम से 12 सौ किमी साइकिल पर अपने पिता को बैठाकर सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गांव पहुंची ज्योति कुमारी का प्लस टू उच्च विद्यालय, पिडारुच में नौंवी कक्षा में नामांकन करा दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं डीपीओ, समग्र शिक्षा अभियान ने 23 मई को उसके स्कूल में जाकर उसे नौंवी कक्षा की किताब और कापियां भी उपलब्ध करा दी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत एक नई साइकिल एवं मुख्यमंत्री पोशाक योजना के तहत दो जोड़ी स्कूल ड्रेस, जूता और मौजा भी उपलब्ध करा दिया गया है। ज्योति ने सरकारी सहायता प्राप्त होने पर खुशी जताई। कहा कि पारिवारिक कारणों से उसकी पढ़ाई बीच में छूट गई थी, लेकिन सरकार से सहायता मिल जाने पर आगे की पढ़ाई पूरी करने की उसकी इच्छा अब प्रबल हो गई है। बताया कि अब वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान देगी। ज्योति ने बताया कि लॉकडाउन में बिहार राज्य प्रवासी मजदूर विशेष सहायता योजना से एक हजार रूपये एवं जन-धन खाते में दो बार पांच-पांच सौ रूपये मिले थे। उसी राशि से उसने गुरुग्राम में एक साइकिल खरीदी थी और बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर घर पहुंची। ज्योति ने बताया हैं कि उसे साइकिल चलाना अच्छा लगता है। उसने छोटी उम्र से ही बड़ी बहन की मिली साइकिल से साइकिल सीखना शुरू कर दिया था। उसकी बड़ी बहन पिकी देवी ने बताया कि वर्ष 2013 में जब वह नौंवी की छात्रा थी, तब उसे मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना से एक साइकिल मिली थी। उसने 10वीं तक पढ़ाई की है। उसकी इसी साइकिल से ज्योति ने भी साइकिल चलाना सीखा। ज्योति के पिता मोहन पासवान ने बताया कि वे गुरुग्राम में ई-रिक्शा चलाते थे, लेकिन एक दुर्घटना में पैर में चोट लग जाने के कारण उनका काम बंद हो गया। वे रिक्शा नहीं चला पाते हैं। उनके जख्म में तेजी से सुधार हो रहा हैं। बताया कि वे अपने राज्य में रहकर ही कोई रोजगार करेंगे। ज्योति की मां को इंदिरा आवास योजना के तहत एक पक्का आवास मिला हुआ हैं। मां फूलो देवी के नाम से एक पारिवारिक राशन कार्ड हैं। इसमें कुल छह यूनिट हैं। फूलो ने बताया कि उसे हर माह खाद्यान्न मिल रहा हैं। उसे माह अप्रैल के खाद्यान्न के साथ प्रति यूनिट पांच किलो चावल भी मिल चुका हैं। साथ ही एक हजार रूपये नगद भी मिल गया हैं। उसे सरकार की अन्य योजनाओं का भी लाभ प्राप्त हैं। उसके घर में नल-जल योजना से शुद्ध पानी, बिजली, एलपीजी गैस का कनेक्शन भी हैं। जनधन योजना के तहत बैंक में खाता खुला हुआ हैं।

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