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आधे-अधूरे मन से नहीं चलेगा काम, नई शिक्षा नीति को अपनाकर हासिल करेंगे मुकाम : कुलपति

दरभंगा। अब आधे-अधूरे मन से काम नहीं चलेगा। नई शिक्षा नीति अपनाकर ही बेहतर मुकाम हासिल ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 12:54 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 05:08 AM (IST)
आधे-अधूरे मन से नहीं चलेगा काम, नई शिक्षा नीति को अपनाकर हासिल करेंगे मुकाम : कुलपति
आधे-अधूरे मन से नहीं चलेगा काम, नई शिक्षा नीति को अपनाकर हासिल करेंगे मुकाम : कुलपति

दरभंगा। अब आधे-अधूरे मन से काम नहीं चलेगा। नई शिक्षा नीति अपनाकर ही बेहतर मुकाम हासिल किया जा सकता है। नई नीति विकसित भारत की सोच को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है। इसके तहत रचनात्मक और गुणात्मक सोच को बढ़ावा दिया जाएगा। मानवीय तथा संवैधानिक मूल्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। अबतक हम इसपर सौ फीसद नहीं उतर पा रहे हैं। नई शिक्षा नीति में डिजिटल मोड को शिक्षा व्यवस्था में व्यापक तरीके से जोड़ा जा रहा है। यह निश्चित रूप से आने वाले समय में युवाओं को बहुत बड़ा प्लेटफार्म देगा। उक्त बातें सोमवार को दैनिक जागरण से खास बातचीत में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने कही।

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क्रमबद्ध तरीके से लागू होगी नई शिक्षा नीति

नई शिक्षा नीति को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन अबतक पूरे तौर पर नहीं हो पाया है। इसपर क्रमबद्ध तरीके से काम किया जाएगा और हर हाल में लागू किया जाएगा। स्कूली शिक्षा में स्थानीय भाषा में प्रारंभिक कक्षाओं में पढ़ाई की व्यवस्था करने का प्रावधान अच्छा है। जो छात्र-छात्राएं स्थानीय भाषा में पढ़ाई करते हैं उनकी सफलता की गुंजाइश सर्वाधिक होती है। उन्होंने आगे कहा नई शिक्षा नीति में पढ़ाई मल्टी डिसीप्लिनरी और हॉलिस्टिक होगा।

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नई शिक्षा नीति में 2025 तक 50 फीसद को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य

नई शिक्षा नीति वर्ष 2025 तक कम से कम 50 प्रतिशत को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखती है। अलग-अलग व्यावसायिक डिग्री प्रदान करने के अलावा, व्यावसायिक शिक्षा को स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर नियमित पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। छात्रों को कक्षा 5 से ही व्यावहारिक प्रशिक्षण से परिचित कराया जाएगा। नई शिक्षा नीति से प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च और उच्चतम शिक्षण संस्थानों के छात्रों को सबसे अधिक फायदा पहुंचेगा।


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