निगम के गोदाम में शोभा की वस्तु बनी फॉगिग मशीन
यूं तो नगर निगम की स्थापना का मूल उद्देश्य शहर की सफाई के साथ-साथ शहरवासियों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का है लेकिन दरभंगा नगर निगम प्रशासन दोनों ही सूरत में फिसड्डी साबित हो रहा है।
दरभंगा । यूं तो नगर निगम की स्थापना का मूल उद्देश्य शहर की सफाई के साथ-साथ शहरवासियों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का है, लेकिन दरभंगा नगर निगम प्रशासन दोनों ही सूरत में फिसड्डी साबित हो रहा है। न तो नियमित रुप से कचरा का उठाव कर पाना ही संभव है, न ही शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में नगर निगम प्रशासन शहरवासियों को क्या मच्छरों से निजात दिला पाएगा, यह एक यक्ष्य प्रश्न है। पूर्व में संसाधनों का रोना रोकर नगर निगम प्रशासन अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ लेता था, लेकिन वर्तमान में नगर निगम के पास अत्याधुनिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है। बावजूद, शहरवासियों की आकांक्षाओं पर नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से खड़ा नहीं उतर पा रहा। न तो नियमित रुप से नाला की सफाई होती है, न ही छिड़काव। ऊपर से शहर में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में निगम प्रशासन के खिलाफ शहरवासियों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। कादिराबाद निवासी अशोक साह, बेला के रौशन ठाकुर, मिश्रटोला के शिवशंकर की मानें तो नगर निगम प्रशासन शहरवासियों को बुनियादी चीजें भी उपलब्ध नहीं करा पा रहा। मच्छरों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। रात की बात क्या करें, दिन के वक्त भी बाहर बैठना मुश्किल है। इधर, शहर में डेंगू के साथ-साथ मच्छरों का प्रकोप बढ़ने पर मेयर बैजंयती देवी खेडिया की अध्यक्षता में वार्डों में नियमित रुप से फॉगिग कराने का निर्णय लिया गया। इसे अमलीजामा देने को फॉगिग मशीन को सर्विसिग में भेजा गया है। गोदाम में पड़े-पड़े जाम हो चुका एकलौता फॉगिग मशीन जब सर्विसिग से लौटेगा, तो सुबह-शाम रोस्टर के मुताबिक एक दिन में छह वार्डों में फॉगिग कराई जाएगी।
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बजट में फॉगिग को ले नहीं है कोई प्रावधान :
नगर निगम बजट में फॉगिग के लिए अलग से राशि का आंवटन नहीं होता है। इसलिए इसपर कितनी राशि का व्यय किया जाता है, इसकी जानकारी देने में हर कोई परहेज करता है। अनुमोदित बजट से ही शहर में फॉगिग की जाती है।
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