Move to Jagran APP

देहरादून में मलबे में दबकर दरभंगा के चार लोगों की मौत

देहरादून के शास्त्रीनगर खाना मोहल्ले में बुधवार की आई तेज आंधी एवं बारिश के दौरान एक घर के धाराशायी होने के दौरान उसके मलबे में दबकर मरे एक ही परिवार के चार लोगों के शव मुरिया पहुंचते ही मातम पसर गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 12:22 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 12:22 AM (IST)
देहरादून में मलबे में दबकर दरभंगा के चार लोगों की मौत
देहरादून में मलबे में दबकर दरभंगा के चार लोगों की मौत

दरभंगा । देहरादून के शास्त्रीनगर खाना मोहल्ले में बुधवार की आई तेज आंधी एवं बारिश के दौरान एक घर के धाराशायी होने के दौरान उसके मलबे में दबकर मरे एक ही परिवार के चार लोगों के शव मुरिया पहुंचते ही मातम पसर गया। परिजनों के चीत्कार माहौल गमगीन हो गया। वहां उपस्थित हर व्यक्ति की आंखों से आंसू झलक गए। मालूम हो कि देहरादून में हुए हादसे में मुरिया गांव के संतोष सहनी, उनकी पत्नी सुलेखा सहनी व इनके दो बच्चे पांच वर्षीय धीरज व दो वर्षीय पुत्र नीरज की मौत हो गई। संतोष रामचंद्र सहनी का इकलौता पुत्र था। वह देहरादून में मजदूरी करता था। इस हादसे के बाद रामचंद्र सहनी का वंश ही समाप्त हो गया। शव देखने के लिए सैकड़ों लोग मृतक के घर पर जमा हो गए। परिजनों की चीख से उपस्थित सारे लोगों की आंखें नम हो गई। संतोष के पिता रामचंद्र सहनी व चाचा राम रामकिशोर सहनी अचेत होकर जमीन पर गिर गए। संतोष दोनों भाई का इकलौता बेटा था। दवा देकर उन्हें होश में लाया गया। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि आज के बाद उनके बेटा बहू और दोनों लाडले पोते नहीं रहे। स्थानीय लोगों का कहना था कि संतोष बहुत ही अच्छा इंसान था।

loksabha election banner

जब भी गांव आता तो गांव मोहल्ले के सारे लोगों से मिल कर उनसे कुशल क्षेम पूछते थे। ग्रामीणों के मुताबिक जब संतोष चार वर्ष का था तो उसकी मां का निधन हो गया। तब से आज तक चाचा-चाची ने ही संतोष को माता पिता का प्यार दिया था। संतोष भी अपना माता पिता चाचा रामकिशुन सहनी एवं चाची कमली देवी को ही मानता था। पिता रामचंद्र सहनी भलपट्टी ओपी में चौकीदार है। संतोष की बहन तेतरी देवी भी अपने पति के साथ देहरादून में ही रहकर मजदूरी करती है। संतोष की सौतेली मां पानो देवी को दो बेटी है बड़ी बेटी शांति जिसकी शादी संतोष ने ही कराई थी। दूसरी बेटी रजनी जो अभी सिर्फ 10 वर्ष की है अब उसकी शादी कैसे होगी। ग्रामीणों के मुताबिक, संतोष चदरे के मकान में किराए पर रहता था। वह अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ एक कमरे में सोया हुआ था। दूसरे कमरे में उसके ससुर जगदीश सहनी व मुरिया निवासी प्रमोद सहनी सोए हुए थे। जिस मकान में ये लोग सोए हुए थे उसके पीछे एक मंदिर है जिसके चारों तरफ पत्थर की ऊंची दीवार है। बारिश और तेज हवा होने के कारण पत्थर की दीवार चदरे के मकान पर गिर गई। कमरे में सोए सारे लोग मलबे में दब गए जिससे संतोष सहित पूरे परिवार की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि मलबे में दबे प्रमोद सहनी ने साहस दिखाते हुए अपने रिश्तेदारों को फोन किया। उसके बाद सारे लोग वहां आए और स्थानीय लोग एवं वसंत विहार थाना पुलिस बल के सहयोग से मलबे से उन्हें निकाला गया। इलाज के लिए दून अस्पताल भेजा। वही संतोष के पूरे परिवार का शव निकालने में लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.