कथा-कथन के साथ फाउंडेशन कोर्स का हुआ समापन
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में सत्र 2019-23 की नई छात्राओं के लिए 15 वें शैक्षणिक सत्र के दीक्षारंभ समारोह के बाद तीन सप्ताह तक चलने वाले ओरियंटेशंस सह फाउंडेशन कार्यक्रम का अंत सोमवार को कथा-कथन से हुआ।
दरभंगा। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में सत्र 2019-23 की नई छात्राओं के लिए 15 वें शैक्षणिक सत्र के दीक्षारंभ समारोह के बाद तीन सप्ताह तक चलने वाले ओरियंटेशंस सह फाउंडेशन कार्यक्रम का अंत सोमवार को कथा-कथन से हुआ। जिसका संचालन निदेशक प्रो. एम नेहाल ने किया। कार्यक्रम के दौरान कल्पना शक्ति, अभिव्यक्ति तथा सृजनशीलता को बढ़ावा देने के लिए लघु कथाओं के माध्यम से छात्राओं को अपनी कहानियां सुनाने का अवसर दिया गया। इसके पूर्व 3 से 23 सितंबर तक विभिन्न विषयों तथा कला एवं संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस क्रम में 3 सितंबर को संस्थान में अपने संस्थान के बारे में जाने कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 4 सितंबर को पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा ने संस्थान की छात्राओं को नई तकनीकी के बारे में जानकारी दी। 7 सितंबर को प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा ने दवाइयां, खेती, कॉस्मेटिक्स, आवागमन इत्यादि में रसायन शास्त्र की उपयोगिता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी। स्नातकोत्तर भौतिक विभाग से आए डॉ. रितेश कुमार ने ट्रिक्स ऑफ फिजिक्स विषय पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्व, कंप्यूटर साइंस में मैथमेटिकल मॉडलिग इत्यादि विषयों पर प्रकाश डाला। स्नातकोत्तर भूगोल विभाग के डॉ. गौरव सिक्का ने पर्यावरण जागरूकता और सुरक्षा विषय पर पर्यावरण को साफ और सुरक्षित रखने की बातें बताई। तरुण मिश्रा ने भाषा का ज्ञान तथा अभिव्यक्ति में उत्पन्न बाधाओं को दूर करने की व्यवहारिक शैली से परिचित कराया। ओरिएंटल कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्रधानाचार्य डॉ. जीएम अंसारी ने अपने व्याख्यान में कला, जीवन एवं शिक्षा के अंतर संबंधों को उजागर करते हुए छात्राओं को शिक्षा के कई आयामों की जानकारियां दी। विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग के प्रो. इंद्र कुमार राय ने छात्राओं को व्यक्तित्व विकास और कैरियर की संभावनाओं को समझाते हुए बताया कि विषय वस्तु के ज्ञान के साथ साथ व्यक्ति की सोच, कार्यशैली एवं समर्पण जीवन में सफलता के आधार होते हैं। संस्थान के ही सहायक प्रो. डॉ. पंकज कुमार चौधरी ने गणित में त्रिकोणमिति, विभेदन, एकीकरण के साथ इंजीनियरिग गणित का मूल ज्ञान छात्राओं को दिया। प्रिसी मिश्रा, शालिनी मिश्रा, अमीषा चौधरी, ज्योत्सना भारती, प्रियांशी प्रिया ने कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम से अपने संस्थान तथा अपने सहपाठियों को जानने में काफी मदद मिली। कोमल कुमारी, तुलसी कुमारी, मुस्कान सिंह, मुस्तरी बेगम, प्रीति कुमारी, रहमति बेगम, रुकैया अख्तर, नोरीन सबा आदि ने संपूर्ण कार्यक्रम को अपने जीवन का पहला अनुभव बताया।
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