तीन बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के विरुद्ध प्रपत्र क गठित
दरभंगा। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि आइसीडीएस योजना में किसी भी स्तर पर अनियमितता या गड़बड़ी पाए जाने पर दोषी पदाधिकारी एवं कर्मियों के विरुद्ध थाना में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
दरभंगा। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि आइसीडीएस योजना में किसी भी स्तर पर अनियमितता या गड़बड़ी पाए जाने पर दोषी पदाधिकारी एवं कर्मियों के विरुद्ध थाना में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में अनियमितता बरते जाने की काफी शिकायतें प्राप्त हो रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में रिक्त पदों पर सेविका-सहायिका चयन में भी गड़बड़ी की शिकायतें मिली है। यहां तक कि सांसद व विधायक की ओर से भी आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में गड़बड़ी की शिकायतें की गई है। कहा कि समेकित बाल विकास परियोजना (आइडीसीएस) समाज के सबसे गरीब परिवार के बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं के पोषण एवं स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितता बरते जाने पर विभाग के मूल उद्देश्य की पूर्ति नही हो पाएगी। इसलिए आइसीडीएस योजना में अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीएम ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए सेविका-सहायिका चयन में अनियमितता किए जाने की शिकायतों की जांच कराई गई है। अब तक के जांच में जाले, बहेड़ी, हनुमाननगर, हायाघाट, अलीनगर परियोजनाओं के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं के विरुद्ध आरोपों की पुष्टि हुई है।
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इन पदाधिकारियों पर हुई कार्रवाई
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जाले कविता कुमारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, बहेड़ी अर्चना कुमारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अलीनगर-कुशेश्वरस्थान लक्ष्मी रानी के विरुद्ध प्रपत्र क गठित कर कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई हेतु विभाग को प्रतिवेदित कर दिया गया है। वहीं, बहेड़ी की महिला पर्यवेक्षिका मनोरमा कुमारी, हनुमाननगर की महिला पर्यवेक्षिका रिकू रानी जायसवाल का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। हायाघाट की महिला पर्यवेक्षिका नंद कुमारी एवं समता सिंह के 15 दिनों के वेतन की कटौती की गई है तथा अलीनगर की महिला पर्यवेक्षिका गायत्री कुमारी एवं लिपिक ब्रज मोहन झा से स्पष्टीकरण पूछा गया है। इनके स्पष्टीकरण के आधार पर कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा। डीएम ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं के विरुद्ध दायर परिवादों की सुनवाई के बाद सात सेविकाओं को चयन मुक्त कर दिया गया है। जिसमें जाले की मिसी कुमारी एवं सुप्रीता कुमारी, हायाघाट की अन्नू कुमारी, कृष्णा कुमारी एवं आरती देवी तथा बेनीपुर की शिल्पा कुमारी एवं रेणु कुमारी शामिल हैं।
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आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित निरीक्षण का निर्देश
डीएम ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित निरीक्षण करने एवं इसके समुचित संचालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। कहा कि चयन में अनियमितता होने पर महिला पर्यवेक्षिका के साथ-साथ बाल विकास परियोजना पदाधिकारी पर भी जवाबदेही तय होगी। परियोजना में जो भी शिकायतें प्राप्त हो रही है, उन सभी की बारीकी से जांच करने की उन्होंने बात कहीं। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आइसीडीएस) ने बताया कि सभी परियोजनाओं में कुल 179 परिवाद प्राप्त हुए है। इसमें से 110 परिवादों में आदेश निर्गत किया गया है। इनमें से 96 मामलों का अनुपालन करा दिया गया है। जिलाधिकारी ने लंबित वादों की सुनवाई कर इस माह में निवारण करने का निर्देश दिया है। बैठक में सहायक समाहर्ता विनोद दूहन, उप विकास आयुक्त डॉ. कारी प्रसाद महतो, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आइसीडीएस) अलका आम्रपाली एवं अन्य बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सम्मिलित थे। बहेड़ी एवं जाले की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं हुई। इनसे स्पष्टीकरण पूछा गया है और इनके वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई है।