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छपरा क्वारंटइन सेंटर से फरार विदेशी नागरिक सिमरी में धराया

दरभंगा। छपरा क्वारंटइन सेंटर से फरार विदेशी नागरिक को सिमरी थाने की पुलिस ने कंसी स्थित दरभंगा-मुजफरपुर फोरलेन पर दबोच लिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 01:21 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 01:21 AM (IST)
छपरा क्वारंटइन सेंटर से फरार विदेशी नागरिक सिमरी में धराया
छपरा क्वारंटइन सेंटर से फरार विदेशी नागरिक सिमरी में धराया

दरभंगा। छपरा क्वारंटइन सेंटर से फरार विदेशी नागरिक को सिमरी थाने की पुलिस ने कंसी स्थित दरभंगा-मुजफरपुर फोरलेन पर दबोच लिया। पकड़े गए विदेशी नागरिक मिस्टर विक्टर जीचो यूरोप के हंगरी शहर के जोलटान जीचो का पुत्र है। पेशे से एमटेक इंजीनियर दार्जिलिग जाने के लिए अपनी विदेशी साइकिल से फरार हुआ था। पेशे से वह अभियंता है। सारण जिले के अस्पताल में उसके स्वास्थ्य की जांच कराई गई थी। जहां उसे कोराना निगेटिव होने का प्रमाण पत्र दिया गया। जिसे साथ लेकर वह चला था। उसके पास से पासपोर्ट सहित कई कागजात भी बरामद किया गया है। पूछताछ में बताया कि तीन माह पहले वह हंगरी से नेपाल के रास्ते दार्जिलिग जाने के लिए भारत आया था। जहां वह भारत विभिन्न शहर का भ्रमण करता। लॉकडाउन के बीच उसे छपरा की पुलिस ने दबोच लिया और वहां के क्वारंटाइन में रख दिया। जहां 14 दिनों तक उसे क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया। इसके बाद भी उसे बाहर नहीं निकलने दिया गया। इसके बाद वह रविवार की सुबह अपनी साइकिल पर सारा सामान लादकर वहां से फरार हो गया। इधर, उसका पीछा छपरा के एसआइटी टीम के सब इंस्पेक्टर रूपेश कुमार वर्मा और अशोक कुमार कर रहे थे। इस बीच एसएसपी बाबू राम के सूचना पर सिमरी थाने की पुलिस ने पहले ही घेराबंदी कर दी। थानाध्यक्ष हरिकिशोर यादव, मब्बी ओपी प्रभारी गौतम कुमार, सहायक दारोगा हंस कुमार ने विदेशी नागरिक को देखते ही कंसी में दबोच लिया। इसके बाद छपरा से पहुंची एसआइटी टीम को विदेशी नागरिक सौंप दिया गया। छपरा पुलिस ने बताया कि 10 अप्रैल को उक्त विदेशी नागरिक की मोबाइल, लैपटाप, पासपोर्ट सहित कागजात की चोरी हो गई थी। जिसे लेकर छपरा के भगवान बाजार थाना में कांड संख्या 179/20 दर्ज कराई थी। वहां की पुलिस ने चार दिनों के अंदर इस मामले का पर्दाफाश कर चोरी हुए सारे सामान को बरामद कर लिया। हालांकि, पकड़े गए चोर के पास से विदेशी नागरिक का पासपोर्ट बरामद नहीं किया गया। पूछताछ में उसने जला देने की बात कही थी। इसके बाद प्रशासनिक पहल पर उसका पासपोर्ट बनाकर उसे सौंप दिया गया था।

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