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नई शिक्षा नीति में कॉलेज फैकल्टी के लिए फास्ट ट्रैक प्रमोशन सिस्टम लागू

दरभंगा । नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में डिग्री कॉलेज समेत देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों की

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 12:19 AM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 12:19 AM (IST)
नई शिक्षा नीति में कॉलेज फैकल्टी के लिए फास्ट ट्रैक प्रमोशन सिस्टम लागू
नई शिक्षा नीति में कॉलेज फैकल्टी के लिए फास्ट ट्रैक प्रमोशन सिस्टम लागू

दरभंगा । नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में डिग्री कॉलेज समेत देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों की फैकल्टी को सशक्त करने के लिए कई नए प्रावधान किए गए हैं। नई शिक्षा नीति के बाद अब एक से दूसरे कॉलेजों में होने वाले ट्रांसफर खत्म हो जाएंगे। एक ही संस्थान में रखते हुए संकाय सदस्यों के काम की जिम्मेदारी तय होगी। लेकिन, उन्हें ज्यादा अधिकार और स्वतंत्रता दी जाएगी। तरक्की की बाधाएं खत्म करते हुए फास्ट ट्रैक प्रमोशन सिस्टम लागू किया जाएगा। शिक्षा नीति में कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों की सफलता का सबसे महत्वपूर्ण कारक यहां कार्यरत संकाय सदस्यों की गुणवत्ता और संलग्नता है। फैकल्टी की इस महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए पिछले वर्षों में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। ये भर्ती, सेवाकाल और उनका न्याय संगत प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने से जुड़े हैं। नई शिक्षा नीति कहती है कि फेकल्टी के वेतन भत्ते के स्तर में भी वृद्धि की गई है। अकादमिक पेशे की प्रतिष्ठा में विभिन्न सुधारों को प्रेरित करने वाले फेकल्टी सदस्यों की अच्छी संख्या की मौजूदगी के बाद भी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षण प्रदर्शन और अनुसंधान उनकी सेवा काल औसत से बहुत कम है। अब इन सभी खामियों को दूर करने के लिए शिक्षा नीति में उच्च शिक्षण संस्थानों की फेकल्टी से जुड़े कुछ खास कदम उठाए गए हैं।

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नहीं किया जाएगा ट्रांसफर :

नई शिक्षा नीति के बिदु 13.3 में यह प्रावधान किया गया है कि शिक्षण का ज्यादा बोझ ना रहे। छात्र और शिक्षक अनुपात भी ज्यादा नहीं होगा, जिससे शिक्षण प्रणाली में छात्रों से चर्चा, शोध और अन्य गतिविधियों के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा। इसके लिए हर संकाय सदस्य की नियुक्ति एकल संस्थान में ही की जाएगी और अगल-अलग संस्थानों में इनका सामान्यता ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। इससे वे अपने संस्थान और वहां के लोगों के प्रति सही मायने में तत्पर, संलग्न और प्रतिबद्ध महसूस करेंगे।

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कोर्स डिजाइन करने की होगी आजादी :

नई शिक्षा नीति के बिदु 13.4 में ये प्रावधान किया गया है कि फैकल्टी को पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धति तय करने की आजादी होगी। किताबों का चयन, रीडिग मैटेरियल का चयन, असाइनमेंट और असेसमेंट पर भी वह खुद निर्णय ले सकेंगे। रचनात्मक शिक्षण, शोध और और बेहतर काम के लिए उन्हें प्रेरित करने और इस दिशा में सशक्त करने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।

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भर्ती प्रक्रिया के बनेंगे नए नियम :

उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा से ज्यादा ऑटोनॉमस (स्वायत्त) संस्थान तैयार करने पर सरकार का जोर है और ये आने वाले समय में बहुत तेजी से बढ़ेगा। इन संस्थानों में फेकल्टी की भर्ती के लिए प्रक्रियाएं और नियम स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हुए बेहद स्वतंत्र और पारदर्शी बनाए जाएंगे। वर्तमान नियुक्ति प्रक्रिया जारी रहेंगी। लेकिन, उत्कृष्टता को सुनिश्चित करने के लिए कार्यकाल ट्रैक प्रणाली (टेन्योर ट्रैक) यानी उपयुक्त प्रोबेशन अवधि को जोड़ दिया जाएगा।

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फास्ट ट्रैक प्रमोशन सिस्टम लागू होगा :

अब प्रमोशन वर्ष तक नहीं अटके रहेंगे। प्रभावी अनुसंधान और फेकल्टी सदस्यों के योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए फास्ट ट्रैक प्रमोशन सिस्टम सुनिश्चित किया जाएगा। इसमें कार्यों का मूल्यांकन, प्रबोशन के बाद स्थाई नियुक्ति, प्रमोशन, वेतन में बढ़ोतरी, मान्यता, सहकर्मी द्वारा समीक्षा, छात्र समीक्षा, शिक्षण और शिक्षण शास्त्र में नवाचार, शोध की गुणवत्ता और प्रभाव, व्यवसायिक विकास से जुड़ी गतिविधियां और संस्थान व समाज से संबंधित कार्यों के उचित आकलन के लिए मापदंडों को शामिल करते हुए इस सिस्टम को लागू किया जाएगा। सभी संस्थानों को अपनी संस्थागत विकास योजना (इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान) से इस सिस्टम से जोड़ना अनिवार्य होगा। नई शिक्षा नीति के बिदु 13.6 में यह प्रावधान किया गया है।


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