Move to Jagran APP

हर खेत की हो मिट्टी जांच से किसान होंगे खुशहाल

कार्यशाला दौरान कई किसानों की समस्याओं को कृषि विभाग के कर्मियों ने दूर किया। कंसी के सुबोध भगत, जवाहर महतो, चक्का के जितेंद्र पासवान, गिरेंद्र मोहन चौधरी ने बीज की समस्या से अवगत कराया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 01:30 AM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 01:30 AM (IST)
हर खेत की हो मिट्टी जांच से किसान होंगे खुशहाल
हर खेत की हो मिट्टी जांच से किसान होंगे खुशहाल

दरभंगा। कार्यशाला दौरान कई किसानों की समस्याओं को कृषि विभाग के कर्मियों ने दूर किया। कंसी के सुबोध भगत, जवाहर महतो, चक्का के जितेंद्र पासवान, गिरेंद्र मोहन चौधरी ने बीज की समस्या से अवगत कराया। साथ ही नलकूप चालू कराने की मांग की। किसानों ने कहा कि जब तक शिविर लगाकर खेतों की मिट्टी जांच नहीं कराई जाएगी तब तक किसानों का भला नहीं होगा। किसान सलाहाकार पंकज कुमार, संजीव प्रताप ¨सह आदि ने तत्काल बीज विक्रेता को फोन कर स्थिति से अवगत हुए और किसानों को बीज उपलब्ध कराने को कहा। अनुदान की राशि लेने के लिए किसान से आनलाइन आवेदन करने का आग्रह किया गया गया। अनुदानित दर पर कृषि विभाग के निबंधित किसी भी यांत्रिकरण विक्रेता से पाइप क्रय करने की सलाह दी। साथ ही नलकूप समस्याओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री शताब्दी नलकूप योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन देने को कहा गया।

loksabha election banner

------------------------

समय पर न तो बीज मिल रहा है और न ही खेती करने की जानकारी। खेती का समय खत्म होने वाला है। किसान की स्थिति खराब है। किसान मुख्य रूप से बाजार की व्यवस्था पर खेती करने को मजबूर हैं। ऐसी स्थिति में किसान ऋण के बोझ में डूबे हैं। नलकूप बंद है। ¨सचाई की व्यवस्था नहीं है।

रामसेवक भगत - किसान

-------------

पानी का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। जिसके कारण किसान अपने खेतों की ¨सचाई नहीं कर पा रहे हैं। पटवन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कृषि यंत्र लेने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। कर्मचारी रसीद काटने को तैयार नहीं रहते हैं। पुराने रसीद को विभाग मानने को तैयार नहीं हैं। जदुनंदन सहनी, किसान

-------------------------

सही समय पर किसानों को बीज और उर्वरक नहीं मिल रहा है। खेत में कौन-कौन उर्वरक डालना है यह भी पता नहीं है। कृषि टाइम-बाउंड कार्यक्रम है। बावजूद, सरकारी लाभ के लिए भटकना पड़ता है। आज भी किसान अपनी खेती पुरानी पद्धति के माध्यम से करने को मजबूर है। पानी पम्प को बिजली देने की घोषणा पूरी नहीं हुई है। डीजल के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसी स्थिति में ¨सचाई बड़ी समस्या है। कृष्ण मोहन चौधरी, किसान

--------------------

नलकूब बंद है। मिट्टी की जांच कैसे होगी यह पता नहीं है। खेती करने में सबसे बड़ी समस्याएं ¨सचाई की है। जिसे दूर करने की जरूरत है। जीरो टिलेज की पद्धति से दस से 12 प्रतिशत आमदनी में वृद्धि हो सकती है यह सुनते हैं, लेकिन, लाभ से वंचित हैं। इस योजना का लाभ हर किसानों को मिले, इस दिशा में विभाग को काम करने की जरूरत है।

विनोद महतो, किसान

-----------------

जीरो टिलेज पद्धति से खेती कर कुछ किसान अपना आमदनी बढ़ाया है। लेकिन, इस योजना का लाभ अन्य सभी किसानों को नहीं मिल पाया है। विभाग को शिविर लगाकर इस लाभ को मुहैया कराना चाहिए। कृषि लागत में लगातार वृद्धि हो रही है। जबकि, उत्पादन और उससे प्राप्त लाभ में कोई परिवर्तन नहीं हो रही है। नलकूप बंद पड़ा है। ऐसी स्थिति में किसान को देखने वाला कोई नहीं है।

बुधन चौपाल, किसान

-------------

किसानों को अधिक-अधिक से लाभ मिले इसके लिए विभाग ओर सरकार को जमीनी स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। खेत तक पानी कैसे पहुंचे इसके लिए सरकार को पहल करने की जरूरत है। क्रॉप रूटेशन के तहत फसल की पैदावार हो इसके लिए कृषि सलाहकारों को खेतों पर जाने और किसानों को सही जानकारी देने की जरूरत है। ताकि, किसान वैज्ञानिक खेती कर सके।

विनोद महतो, किसान

--------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.