सूक्ष्म इकाई स्थापित कर जिले में स्थानीय कामगारों को काम देने की कवायद तेज
दरभंगा। जिला का मिथिला पेंटिग एवं मखाना का उत्पादन दुनिया भर में मशहूर है। इस हेतु जिला में मिथिला पेंटिग एवं मखाना उत्पादन का विकास एवं इस प्रक्षेत्र से जुड़े उद्यमियों एवं कारीगरों को नई तकनीक उपलब्ध कराने आधुनिक मशीनरी उत्पादों की पैकेजिग डिजाइनिग मार्केटिग तथा वित्तीय सहायता प्रदान करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
दरभंगा। जिला का मिथिला पेंटिग एवं मखाना का उत्पादन दुनिया भर में मशहूर है। इस हेतु जिला में मिथिला पेंटिग एवं मखाना उत्पादन का विकास एवं इस प्रक्षेत्र से जुड़े उद्यमियों एवं कारीगरों को नई तकनीक उपलब्ध कराने, आधुनिक मशीनरी, उत्पादों की पैकेजिग, डिजाइनिग, मार्केटिग तथा वित्तीय सहायता प्रदान करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है। बिहार सरकार के उद्योग विभाग की अधिसूचना के अनुपालन को ले गुरुवार को जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में जिला परामर्शदातृ समिति की बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री सूक्ष्म लघु उद्योग कलस्टर विकास योजना के अंतर्गत जिला में इनोवेटिव कार्य को प्रोत्साहित करने एवं इस कार्य से अधिकाधिक स्थानीय एवं प्रवासी कामगारों को जोड़ने हेतु विचार विमर्श किया गया।
डीएम ने कहा कि जिला में प्राप्त इनोवेटिव फंड से तत्काल तीन योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसमें मिथिला पेंटिग किया हुआ मास्क का निर्माण, मखाना का प्रशंसकरण एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में वॉल पेंटिग कार्य शामिल हैं। बताया कि इनोवेशन फंड के तहत् बिहार के प्रत्येक जिला को 50 लाख रूपये सरकार द्वारा सूक्ष्म इकाई स्थापित करने के लिए देने का निर्णय लिया गया है। इस आलोक में जिला की खासियत और विशेषता की पहचान करते हुए रोजगार सृजन का कार्यक्रम तैयार किया जाएगा, ताकि उससे अप्रवासी कामगारों को जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। कहा कि दरभंगा जिला मखाना की खेती में अग्रगण्य है तथा यहां सर्वोत्तम गुणवत्ता के मखाना का उत्पादन होता है। इसलिए अप्रवासी कामगार जो यहां आने से पूर्व फूड प्रोसेसिग, बेकरी, होटल मैनेजमेंट आदि व्यवसायों से संबद्ध थे, उनको मखाना प्रोसेसिग उद्यम से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। बैठक में नगर आयुक्त घनश्याम मीणा, डीडीसी डॉ. कारी प्रसाद महतो, प्रशिक्षु सहायक समाहर्ता प्रियंका रानी, विनोद दूहन, एसडीसी बैंकिग पुष्पिता झा, उद्योग केंद्र महाप्रबन्धक, पीडी आत्मा, एलडीएम आदि मौजूद थे। कपड़े पर मिथिला पेटिग कर रोजगार का होगा सृजन
मिथिला पेंटिग भी यहां की परंपरागत और समृद्ध स्थानीय लोक चित्रकला है। इस चित्रकला को गारमेंट सेक्टर या फेस मास्क, बुलिक, परिधान आदि पर उकेरकर एवं इसे व्यवसायिकता का रूप देकर रोजगार सृजन किया जाएगा। अप्रवासी कामगार जो यहां आने से पहले सिलाई का काम किया करते थे, उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। निर्देश दिया गया कि जिला उद्योग केंद्र इस कार्य को लेकर अप्रवासी कुशल कामगारों की सूची तैयार कर अग्रतर कार्रवाई के लिए जिला स्तरीय परामर्शदातृ समिति को भेजेगा। डीपीओ आईसीडीएस अलका आम्रपाली ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के निर्देशानुसार जिला के सभी 18 परियोजनाओं में कुल 33 आंगनबाड़ी केंद्रों का चयन वाल पेंटिग के लिए किया गया है। इस कार्य को कुशल एवं अर्द्ध कुशल प्रवासी कामगारों से कराया जाएगा।