Move to Jagran APP

साहित्य में चित्रकला को खोजने से साकार हुआ सपना

मध्य विद्यालय, बलौर में सहायक शिक्षिका डॉ. शोभा कुमारी बचपन से ही चित्रकला की शौकीन रहीं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 01:28 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 01:28 AM (IST)
साहित्य में चित्रकला को खोजने से साकार हुआ सपना
साहित्य में चित्रकला को खोजने से साकार हुआ सपना

दरभंगा। मध्य विद्यालय, बलौर में सहायक शिक्षिका डॉ. शोभा कुमारी बचपन से ही चित्रकला की शौकीन रहीं। फिर ¨हदी से पीजी करने के बाद इन्हें पीएचडी करने का लगन जगा। इसके बाद शोध के विषय को लेकर मन में एक उद्विग्नता होती रही। क्योंकि ये अपने बचपन की शौक यानी चित्रकला को साहित्य में खोजना चाहती थी। फिर तो मिथिला- लोकचित्र- शैली और विद्यापति- पदावलि की सहधर्मिता विषय पर कठिन परिश्रम कर एक शोध ग्रंथ प्रकाशित किया। यह उनकी पहली किताब है। इसका प्रकाशन इसी साल हुआ है। शोधार्थियों के लिए यह उपयोगी है। इसमें विद्यापति पदावली में काव्यात्मकता के साथ ही चित्रात्मकता कैसे समाहित है इस पर बारीकी अध्ययन किया गया है। साथ ही कविता एवं चित्रकला के संबंधों पर भारतीय एवं पाश्चात्य समीक्षकों के मंतव्यों का भी समायोजन किया गया है। विद्यापति के पदों के अनुरूप कई चित्रों की प्रस्तुति पुस्तक की सार्थकता को स्वत: सिद्ध कर देती है। इनका कहना है सपना साकार होने पर काफी खुशी हुई।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.