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सपने को लगे पंख, जून के प्रथम सप्ताह से हवाई सेवा हो सकती शुरू

दरभंगा एयरपोर्ट के विद्यापति टर्मिनल से मई के प्रथम सप्ताह में दिल्ली, मुंबई और बेंगलूरू के लिए उड़ान सेवा शुरू होने की संभावना प्रबल हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 11:47 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 11:47 PM (IST)
सपने को लगे पंख, जून के प्रथम सप्ताह से हवाई सेवा हो सकती शुरू
सपने को लगे पंख, जून के प्रथम सप्ताह से हवाई सेवा हो सकती शुरू

दरभंगा । दरभंगा एयरपोर्ट के विद्यापति टर्मिनल से मई के प्रथम सप्ताह में दिल्ली, मुंबई और बेंगलूरू के लिए उड़ान सेवा शुरू होने की संभावना प्रबल हो गई है। दरभंगा एयरपोर्ट में सिविल इनक्लेव का कार्य शुरू हो चुका है। रनवे के लिए मैटेरियल गिराया जा चुका है। एक सप्ताह के अंदर रनवे को दुरुस्त करने का कार्य भी शुरू हो जाएगा। फिलहाल दरभंगा वायु सेना केंद्र के गेट नंबर दो के बगल में करीब 2.3 एकड़ के क्षेत्र में अस्थायी टर्मिनल का निर्माण कार्य जोरों पर है। प्रारंभिक चरण में उक्त क्षेत्र के चारों ओर पीलर का काम तेजी से चल रहा है। करीब 15-20 मजदूर पूरे दिन निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ रनवे के निर्माण को लेकर मैटेरियल के साथ विटमिन (चारकोल) का टैंकर पहुंच चुका है। सिविल इनक्लेव का निर्माण कर रही कंपनी एमएपीएल के कर्मी दिन-रात पसीने बहा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस सप्ताह के अंदर रनवे का काम भी पूरी तरह से शुरू हो जाएगा। करीब 70-80 मजदूरों की मदद से तय समय-सीमा के भीतर निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।

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गेट नंबर दो से होगा यात्रियों का आगमन व प्रस्थान

यात्रियों के लिए वायुसेना केंद्र के गेट नंबर दो से विद्यापति टर्मिनल में प्रवेश और निकास की व्यवस्था की गई है। गेट में प्रवेश करने के साथ ही दायी ओर गाड़ियों के पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। यात्री गाड़ी को पार्क करने के बाद कैंटिन के बगल से सुरक्षा जांच और बोर्डिंग के लिए प्रस्थान करेंगे। तमाम औपचारिकताओं के बाद यहां से लो-फ्लोर बस से यात्रियों को विमान तक ले जाया जाएगा। 20 फीट चौड़े सड़क का हो रहा निर्माण

यात्रियों को जांच के बाद प्लेन तक ले जाने के लिए वायुसेना केंद्र में 20 फीट चौड़े सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए कार्य शुरू हो चुका है। वायुसेना की चाहरदीवारी के ठीक बगल से होते हुए यात्रियों को प्लेन तक ले जाया जाएगा। बन रहे अस्थायी भवन के बाहर लोगों को घूमने या वायुसेना केंद्र में प्रवेश करने की आजादी नहीं होगी। तीन प्लेन की पार्किंग की है व्यवस्था

दरभंगा एयरपोर्ट में एक साथ तीन विमानों के पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। तीनों विमान में दो एक दिशा में तो तीसरा इसके ठीक विपरीत दिशा में खड़ा रहेगा। तीनों विमानों में से एक के उड़ान भरने के बाद ही किसी अन्य विमान की लै¨डग की इजाजत होगी। फिलहाल पटना के जयप्रकाश हवाई अड्डे पर एक साथ करीब पांच हवाई जहाजों के पार्किंग की व्यवस्था है।

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रनवे को 10 इंच किया जाएगा ऊंचा

वर्तमान में दरभंगा एयरपोर्ट पर पूर्व से बने रनवे की ऊंचाई को बढ़ाया जाएगा। रनवे को करीब 28 सेंटीमीटर यानी की 10 इंच ऊंचा किया जाएगा। दरअसल रनवे को बनाने के लिए विशेष तकनीकी का प्रयोग किया जाता है। इसमें अलकतरे के साथ-साथ उसमें सीमेंट की भी मात्रा मिलाई जाती है।

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9 हजार फीट लंबा है रनवे

दरभंगा हवाई अड्डे का रनवे 9 हजार फीट लंबा है। बता दें कि पटना का रनवे दरभंगा से 3 हजार फीट छोटा यानी की 6 हजार फीट लंबा है। जानकार बताते हैं कि दरभंगा का रनवे फाइटर प्लेन के फ्लाइ¨ग के लिए भी पूरी तरह से उपयुक्त है। साथ ही बोईंग विमान के उतरने के लिए यह पूरी तरह से उपयुक्त है।


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