डीएमसीएच में शिशु की मौत पर हंगामा
डीएमसीएच के शिशु विभाग में रविवार को इलाज दौरान एक बच्चे की मौत होने के बाद जमकर हंगामा हुआ।
दरभंगा। डीएमसीएच के शिशु विभाग में रविवार को इलाज दौरान एक बच्चे की मौत होने के बाद जमकर बवाल मच गया। वार्ड से लेकर सड़क तक रणक्षेत्र बना रहा। चिकित्सकों के समर्थन में दर्जनों जूनियर चिकित्सक पहुंच गए। इसके बाद मिथिला स्टूडेंट युनियन कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट शुरू हो गई। चिकित्सकों की संख्या अधिक रहने के कारण परजिनों के समर्थन में आए मिथिला स्टूडेंट युनियन के कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई कर दी गई। इस दौरान समाचार संकल्न कर रहे लोकल चैनल के एक पत्रकार को चिकित्सकों ने पिटाई कर कैमरा छिन लिया। हालात को देख मौके पर तैनात पुलिस भी मुकदर्शक बनी रही। बताया जाता है कि ¨सहवाड़ा थाना क्षेत्र के अतरबेल गांव निवासी अमरेश यादव के आठ वर्षीय पुत्र रॉकी को 2 सितंबर की शाम शिशु विभाग के मिकू वार्ड में भर्ती कराया गया। इलाज बाद उसकी स्थिति में सुधार हुआ। रविवार की सुबह में बच्चा दुध पीने के बाद खेल रहा था। इसी दौरान किसी नर्स ने बच्चे को सूईं देने के लिए पहुंची। सूईं देने के साथ ही बच्चे ने दम तोड़ दिया। इसके बाद बच्चे परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिए। परिजनों का कहना था कि हमारा बच्चा सही था। लेकिन, सूईं देते ही बच्चे की मौत हो गई। कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया गया। इसके बाद परिजनों को बताया गया कि फेफड़ा में दुध जाने के कारण बच्चे की मौत हुई। लेकिन, चिकित्सकों के इस तर्क को परजिन मानने से इंकार कर हंगामा करना शुरू दिए। इसी बीच किसी जूनियर चिकित्सक ने मृतक बच्चे के मामा व मधुबनी जिले के अरेड़ गांव निवासी सुधीर यादव को मारपीट कर बाहर कर दिए। सूचना मिलते ही मिथिला स्टूडेंट युनियन के कार्यकर्ता परिजन के पक्ष में हंगामा करने लगे। जबरन अंदर में प्रवेश कर तोड़-फोड़ करना शुरू कर दिए। इस दौरान एक जूनियर चिकित्सक का पिटाई कर दिया। जब इसकी सूचना पीजी हॉस्टल के छात्रों को मिली तो वे लोग दर्जनों की संख्या में पहुंच गए। इसके बाद मिथिला स्टूडेंट युनियन के कार्यकर्ताओं पर टूट पड़े। मारपीट कर सभी को बाहर भगा दिया गया। इस विरोध में कार्यकर्ताओं ने सड़क पर लेटकर आंदोलन करना शुरू कर दिए। इसके बाद जुनियर चिकित्सकों ने लात-मुक्कों से फिर से धुनाई कर दिया। हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात को नियंत्रित कर लिया। इधर, विभागाध्यक्ष डॉ. केएन मिश्रा ने बताया कि बच्चे की मौत के पीछे कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। उसे गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा कि शव का पोस्टमार्टम कराने की जरूरत नहीं है।