पुलिस सेवा सामाजिक दायित्वों का निर्वहन
दरभंगा। पुलिस सेवा मात्र रोजगार पाना नहीं है बल्कि सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी है। इस सेवा में यदि अपने अधिकार के साथ कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन हो तो पुलिस के प्रति आदर-भाव बढ़ता है।
दरभंगा। पुलिस सेवा मात्र रोजगार पाना नहीं है, बल्कि सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी है। इस सेवा में यदि अपने अधिकार के साथ कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन हो तो पुलिस के प्रति आदर-भाव बढ़ता है। उक्त बातें सीएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मुश्ताक अहमद ने कही। डॉ. अहमद कॉलेज में बिहार पुलिस सेवा के अवर निरीक्षक (दरोगा) पद की प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए निश्शुल्क कोचिग के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। डॉ. अहमद ने कहा कि बिहार में पुलिस बल की कमी है। आज हमारे युवा बेरोजगारी का रोना रोते हैं, लेकिन प्रतियोगिता परीक्षा से भागते हैं। जबकि, अधिकतर सेवा के लिए प्रतियोगिता परीक्षा को अनिवार्य बनाया गया है। डॉ. अहमद ने कहा कि यह निश्शुल्क कोचिग अल्पसंख्यक वर्ग के लिए है, लेकिन गैर-अल्पसंख्यक वर्ग के 15 छात्रों को भी जांच परीक्षा के आधार पर चयनित किया गया है। अल्पसंख्यक वर्ग के 60 छात्रों का चयन हुआ है, जिसमें एक छात्रा भी है। बता दें कि यह निश्शुल्क कोचिग केंद्र अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, बिहार सरकार, पटना के सौजन्य से संचालित है, जिसकी नोडल एजेंसी मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय, पटना है। उद्घाटन सत्र को डॉ. बजाहत, मो. फखरुद्दीन, डॉ. इरतेजा अहमद आदि ने भी संबोधित किया और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से संबंधित कई महत्वपुर्ण जानकारियों से छात्रों को अवगत कराया। विपिन कुमार सिंह, मो. रजाउल्लाह, मो. सोहेल आदि ने छात्र-छात्राओं के पंजीकरण में सहयोग किया। बता दें कि दरोगा की नियुक्ति के लिए बिहार स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन के माध्यम से चयन परीक्षा 22 दिसंबर को होनी है।
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