डीआइजी ने एसएसपी से जाना शाही हत्याकांड की उपलब्धि
सदर थाने क्षेत्र के रानीपुर स्थित एनएच 57 पर 22 दिसंबर को दिनदहाड़े एसके कंस्ट्रक्शन के मालिक कुशेश्वर प्रसाद शाही उर्फ गोरे शाही (48) की हत्या मामले में उपलब्धि की जानकारी मंगलवार को डीआइजी क्षत्रनील ¨सह ने ली।
दरभंगा । सदर थाने क्षेत्र के रानीपुर स्थित एनएच 57 पर 22 दिसंबर को दिनदहाड़े एसके कंस्ट्रक्शन के मालिक कुशेश्वर प्रसाद शाही उर्फ गोरे शाही (48) की हत्या मामले में उपलब्धि की जानकारी मंगलवार को डीआइजी क्षत्रनील ¨सह ने ली। उन्होंने अपने चैंबर में एसएसपी बाबू राम से काफी देर तक इस पर वार्ता कर फीड बैक लिया। इस दौरान उन्होंने कई निर्देश भी दिया। साथ ही अभी तक हिरासत में लिए गए लोगों से क्या जानकारी मिली उस पर विस्तार से चर्चा की। ताकि, कोई निर्दोष फंसे नहीं और दोषी बचे नहीं। वर्तमान समय में पुलिस को क्या सफलता मिली है इसे डीआइजी ¨सह ने बताने से इन्कार किया। कहा कि शातिरों को किसी तरह का लाभ नहीं मिले इसे लेकर पूरा अभियान गुप्त चल रहा है। मामले का उन्होंने जल्द उद्भेदन करने का आश्वासन दिया। कहा कि शूटर ही नहीं बल्कि, घटना को अंजाम देने वाले भी बहुत जल्द सामने होंगे। बहुत कुछ साफ हो चुका है। कुछ खास ¨बदुओं पर जांच की जा रही है। वह सामने आते ही सब कुछ आईने की तरह साफ हो जाएगा। बता दें कि पुलिस अभी भी दो युवकों को हिरासत में रखकर पूछताछ करने में जुटी है। उसने जो कुछ बताया है उस आधार पर अलग-अलग टीम लगातार छापेमारी में जुटी है। लेकिन, वह सफलता नहीं मिल रही है जो पुलिस को उम्मीद है। लेकिन, एसएसपी बाबू राम भी हार मानने को तैयार नहीं है। पूरे प्रकरण में स्वयं पैनी नजर बनाए हुए हैं। बताया जाता है कि मुजफ्फरपुर के अहियापुर, बोचहा और कांटी से लेकर सीतामढ़ी के रूनीसैदपुर इलाके तक जो सफलता मिली है उसे रेखांकित कर पुलिस अनुसंधान में जुटी है। पुलिस को कुछ सीसीटीवी फुटेज से भी सफलता मिली है। साथ ही तकनीकी सेल की ओर से काफी सफलता मिली है। बताया जाता है कि शाही जैसे ही अपने घर से निकले थे कि इसकी भनक हत्यारे को मिल गई। इस आशंका पर पुलिस ने उनके घर के आस-पास के कई मोबाइल नंबरों का टावर लोकेशन लिया है। उस आधार पर कुछ संदिग्ध नंबर भी मिला है। जिसकी पड़ताल की जा रही है। इस आधार से पुलिस सही ठिकाने पर जाना चाह रही है। इसमें काफी सफलता मिली है। लेकिन, शायद संबंधितों को इसका भनक लग गई है। यही कारण है लगातार कोशिश के बाद भी कुछ लोग अपने ठिकाने से गायब है।