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पटना के बाद दरभंगा में हाईकोर्ट की एक बेंच की हो स्थापना : एमएसयू

दरभंगा। मिथिला स्टूडेंट यूनियन (एमएसयू) ने दरभंगा में पटना हाईकोर्ट की एक बेंच स्थापित किए जाने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 12:22 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 12:22 AM (IST)
पटना के बाद दरभंगा में हाईकोर्ट की एक बेंच की हो स्थापना : एमएसयू
पटना के बाद दरभंगा में हाईकोर्ट की एक बेंच की हो स्थापना : एमएसयू

दरभंगा। मिथिला स्टूडेंट यूनियन (एमएसयू) ने दरभंगा में पटना हाईकोर्ट की एक बेंच स्थापित किए जाने की मांग की है। मांग को लेकर एमएसयू के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य मोहन ने कहा कि दरभंगा मे एम्स का शिलान्यास होने जा रहा है, एयरपोर्ट का काम प्रगति पर है अब इसके आगे दरभंगा में पटना हाईकोर्ट की एक बेंच स्थापित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि सन 1971 में बिहार की जनसंख्या करीब चार करोड़ थी, तभी ये महसूस हुआ था कि राज्य में सुगम और सस्ते न्याय के लिए हाईकोर्ट के दो बेंचों की जरूरत है। इस आधार पर रांची में पटना हाईकोर्ट की सर्किट बेंच को स्थापित किया गया। आज बिहार की जनसंख्या 10 करोड़ से अधिक है। न्याय को सुगम, सस्ता, सुलभ और सरल बनाने के लिए पटना हाईकोर्ट के एक नए बेंच की जरूरत है। आज जबकि देश के सात अन्य बड़े राज्यों के हाईकोर्ट एक से अधिक जगहों पर बेंच के रूप में स्थापित है, ऐसे में ये सर्वथा उपयुक्त और जरूरी है कि दरभंगा में पटना हाईकोर्ट का एक सर्किट बेंच स्थापित किया जाए। बताया कि राजस्थान में हाईकोर्ट की दो बेंच है। एक जोधपुर और दूसरा जयपुर में। महाराष्ट्र में हाईकोर्ट की तीन बेंच है। इनमें मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद शामिल है। तमिलनाडु में हाईकोर्ट की दो बेंच हैं। उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की दो बेंच है। इलाहाबाद और लखनऊ। मधयप्रदेश में हाईकोर्ट की दो बेंच है। जबलपुर और ग्वालियर। बंगाल में भी हाईकोर्ट की दो बेंच है। कोलकाता और जलपाईगुड़ी। पटना हाईकोर्ट में भी दो बेंच की जरूरत है। पटना हाईकोर्ट की एक बेंच दरभंगा में खुलने की वर्षों से यह मांग उठती रही है। देश के अन्य अनेक राज्यों में दवाब और दूरी बढ़ने के कारण हाईकोर्ट के अन्यतर बेंच को जरूरत के मुताबिक अन्य जगहों पर स्थापित किया गया है। बिहार में हाईकोर्ट के दूसरे बेंच की अत्यंत आवश्यकता है। बताते चलें कि दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर भी यह मांग एक बार संसद में उठा चुके हैं। लेकिन, अबतक कोई ठोस पहल इस मामले में नहीं दिखी है। मांग करने वालों में एमएसयू के आदित्य मोहन, अविनाश कुमार, राघव कुमार व अन्य शामिल है।

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