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सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनेगा दूरस्थ शिक्षा निदेशालय

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीई) सूबे में टीचर एजुकेशन के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सलेंस के रूप में विकसित होगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 01:55 AM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 06:24 AM (IST)
सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनेगा दूरस्थ शिक्षा निदेशालय
सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनेगा दूरस्थ शिक्षा निदेशालय

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीई) सूबे में टीचर एजुकेशन के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सलेंस के रूप में विकसित होगा। इस दिशा में संस्थान के कदम काफी आगे बढ़ चुके हैं। यह सब संभव हो रहा है अंतर्राष्ट्रीय संगठन यूनिसेफ के साथ हुए करार की वजह से। इसके तहत निदेशालय में प्रोग्राम मॉनिटरिग यूनिट की स्थापना हो चुकी है। यूनिसेफ के साथ निदेशालय का तीन सालों तक क्वालिटी टीचर एजुकेशन के क्षेत्र में साथ काम करने का करार है। इस क्रम में कई कार्यशाला का आयोजन हो चुका है जिसमें टीचर एडुकेटरों के लिए अंडरस्टैंडिग सेल्फ की पाठ्य सामग्री तैयार की जा चुकी है। इस करार का मूल यह है कि जब तक प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा को दुरूस्त नहीं किया जाएगा, तब तक उच्च शिक्षा में गुणवत्ता संभव नहीं। प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर शिक्षा में गुणवत्ता के लिए जरूरी है कि इस स्तर के शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाई जाए। इन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को बीएड कोर्स के तहत प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे में जरूरी है कि बीएड के फैकल्टी की क्वालिटी इंप्रुव की जाए। इसी उद्देश्य के साथ यह करार किया गया है। निदेशालय के तहत बीएड कोर्स का संचालन भी होता है और आधारभूत संरचना का भी विवि के पास अभाव नहीं है। इसी आधार पर यूनिसेफ ने करार के लिए लनामिविवि के डीडीई का चयन किया। अब इसका फायदा डीडीई को मिलने लगा है।

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बच्चों के लर्निंग आउटकम को 10 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य :

यूनिसेफ का उद्देश्य 2022 तक बच्चों के लर्निंग आउटकम को 10 प्रतिशत बढ़ाने का है। इसके लिए सूबे में लनामिविवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय का चयन प्रोग्राम मॉनीटरिग यूनिट स्थापित करने के लिए किया गया। इसके लिए तकनीकी व वित्तीय सहायता यूनिसेफ उपलब्ध करा रहा है। दूरस्थ निदेशालय में विकसित होनेवाली इस इकाई को मुख्य रूप से तीन बिदुओं पर केंद्रित किया जाएगा। पहला विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय सदस्य व एसआरजी की कैपेसिटी बिल्डिग का सशक्तीकरण विशेषज्ञों की मदद से करना, दूसरा राज्य व जिला स्तर के वरीय शिक्षा पदाधिकारियों का लीडरशिप ट्रेनिग प्रोग्राम और तीसरा शिक्षण संस्थानों व शिक्षक सहायता तंत्र को मजबूत करना होगा। यूनिसेफ के साथ डीडीई का यह करार 14 अगस्त 2018 को हो चुका है और इसके तहत काफी काम किए जा चुके हैं।

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शिक्षक व संस्थानों के बीच होगा बेहतर तालमेल :

करार के तहत राउंड टेबल मीटिग, कंसलटेशन, वर्कशॉप आदि का लगातार आयोजन हो रहा है। साथ ही काउंसिलिग, सपोर्ट एक्टिविटी•ा और डेटा जेनेरेशन, प्रमाण उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि सरकार की नीतिगत सोच को प्रभावित कर शोध, मूल्यांकन व नव विचार के साथ न सिर्फ बच्चों के लिए नई सहयोगात्मक सीखने की प्रक्रियाएं विकसित की जा सके बल्कि शिक्षक, शिक्षण संस्थानों व स्कूलों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो सके। इस नई इकाई का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय के सहयोग से पूरी शिक्षण व्यवस्था अर्थात प्रारंभिक शिक्षण संस्थान के स्तर से ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करना है। इस संबंध में यूनिसेफ विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर चुका है और उसी के आधार पर काम चल रहा है।

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