पहले प्रत्याशी पैदल व समर्थक साइकिल से मांगते थे वोट
लोकसभा चुनाव को लेकर न सिर्फ युवा वोटर उत्साहित हैं बल्कि बुजुर्गों में भी काफी उत्साह है। केवटी प्रखंड के बरिऔल गांव निवासी अवकाश प्राप्त शिक्षक 80 वर्षीय मुनींद्र झा ने अपने जीवन के पहले मतदान से लेकर अन्य चुनाव की स्मृतियों को साझा किया।
दरभंगा । लोकसभा चुनाव को लेकर न सिर्फ युवा वोटर उत्साहित हैं, बल्कि बुजुर्गों में भी काफी उत्साह है। केवटी प्रखंड के बरिऔल गांव निवासी अवकाश प्राप्त शिक्षक 80 वर्षीय मुनींद्र झा ने अपने जीवन के पहले मतदान से लेकर अन्य चुनाव की स्मृतियों को साझा किया। कहा कि पहले लोकसभा चुनाव में पहला वोट डालने के दौरान वे युवा वोटर थे। तब और आज के चुनाव में काफी अंतर आ गया है। राजनीति में सादगी से लेकर अपराधीकरण और वोटर को लुभाने के लिए धन और बल के प्रयोग को देख चुके हैं। पहले प्रत्याशी पैदल और उनके समर्थक साइकिल से वोट मांगने आते थे। अब तो महंगी गाड़ी में प्रत्याशी व उनके समर्थक आते हैं। मतदान केंद्र पर बैलेट से होने वाले चुनाव में मतदाताओं के हाथ से बूथ लुटेरे बैलेट लेकर जबरदस्ती मत गिरा देते थे। इस वजह से कमजोर व गरीब लोग स्वेच्छा से मत गिराने से वंचित रह जाते थे। आज तो ईवीएम और वीवीपैट मशीन से वोट होता है। यह बेहतर व्यवस्था है। पहले तो चुनाव सादगी से होती थी, आज पैसे के बल पर। प्रत्याशी पानी की तरह रुपया खर्च करते हैं। चुनाव की स्मृति को बताते हुए कहा कि पूर्व में जब दरवाजे पर प्रत्याशी वोट मांगने आते थे, तो पहले पानी मांगते थे। फिर समाजसेवा की बात करते थे और वोट मांगते थे। अब तो धन का प्रयोग होता है।