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दरभंगा जंक्शन ग्रीन रेलवे की दौड़ में शामिल, ट्रेनों की बढ़ेगी स्पीड

दरभंगा। इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने के बाद अब दरभंगा जंक्शन क्लीन के बाद ग्रीन रेलवे की दौर में शामिल हो गया है। दरभंगा-जयनगर रेल खंड पर विद्युतीकरण होने के बाद से ही इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने की आस जगी थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 09:18 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 06:16 AM (IST)
दरभंगा जंक्शन ग्रीन रेलवे की दौड़ में शामिल,  ट्रेनों की बढ़ेगी स्पीड
दरभंगा जंक्शन ग्रीन रेलवे की दौड़ में शामिल, ट्रेनों की बढ़ेगी स्पीड

दरभंगा। इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने के बाद अब दरभंगा जंक्शन क्लीन के बाद ग्रीन रेलवे की दौर में शामिल हो गया है। दरभंगा-जयनगर रेल खंड पर विद्युतीकरण होने के बाद से ही इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने की आस जगी थी। सीआरएस के निरीक्षण के बाद ट्रेन चलाने की हरी झंडी मिली थी । लेकिन, लॉकडाउन के कारण कार्य में ब्रेक लग गए थे। लेकिन, आज इंतजार का समय खत्म हो गया। ट्रेन चलने से मिथिलांचल क्षेत्र में खुशी की लहर देखी जा रही है। जंक्शन से सोमवार को पहली इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन नई दिल्ली के लिए रवाना की गई। गौरतलब है कि अभी रोजाना दरभंगा जंक्शन से औसतन 40 डीजल इंजन ट्रेनों का परिचालन होता है। भारतीय रेलवे के मिशन 100 फीसद विद्युतीकरण और कार्बन मुक्त एजेंडे को लेकर सभी स्टेशनों से इलेक्ट्रिक इंजन गाडि़यां चलाई जानी हैं। डीजल इंजनों को 18 साल से अधिक समय की अवधि तक चलाने के लिए करीब पांच से छह करोड़ रुपये का खर्च आता है। एक आकलन के मुताबिक, डीजल इंजन के जरिए 24 डिब्बे की रेलगाड़ी को खींचने में प्रति किमी लगभग 6 लीटर डीजल की खपत होती है। जबकि 12 डिब्बे की रेलगाड़ी को खींचने में प्रति किमी लगभग 4.50 लीटर डीजल की खपत होती है। डीजल इंजन बंद होने से पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा। इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों की औसतन गति में भी बढ़ोतरी होगी। सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की भी योजना पूर्व मध्य रेल ने उर्जा संरक्षण की ओर भी कदम बढ़ा दिए हैं। इसको लेकर समस्तीपुर रेल अनुमंडल के दो स्टेशन सौर उर्जा से पूरी तरह रौशन होने की योजना में शामिल है। मधुबनी जिला अंतर्गत खजौली और राजनगर स्टेशन की जमीन पर सोलर प्लांट बनाया जाएगा। इसे ले दोनों स्टेशनों स्थित जगहों का सर्वे करवाया गया है। साथ ही सौर उर्जा प्लांट स्थापित करवाने को लेकर रोड मैप तैयार किया जा रहा है। खजौली में चार व राजनगर में छह एकड़ जमीन का सर्वे करवाया गया है। सोलर प्लांट बन जाने के बाद यह दोनों स्टेशन पूर्णरूप से सौर उर्जा से रौशन हो जाएंगे। सौर उर्जा पर सौ फीसदी निर्भरता हो जाने के बाद रेलवे बिहार बिजली बोर्ड को अतिरिक्त बिजली बेचने का काम करेगी।

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स्टेशन के निदेशक बलराम ने बताया कि इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन का परिचालन शुरू हो गया है। इससे ग्रीन उर्जा को बढ़ावा मिलेगा। पर्यावरण संरक्षण सहित डीजल का उपयोग खत्म होगा। फिलहाल एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन इलेक्ट्रिक इंजन से होगा। इसके बाद सभी ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से जोड़ दिया जाएगा।


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