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छह में एक काउंटर पर भीड़, अन्य पर कर्मी गायब

शहर के लहेरियासराय स्थित जिला निबंधन कार्यालय में जमीन संबंधित खरीद-बिक्री सहित किसी भी तरह की संपत्ति एवं डीड कार्य को ले रोजाना कम से कम 500 लोग आते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 12:31 AM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 12:31 AM (IST)
छह में एक काउंटर पर भीड़, अन्य पर कर्मी गायब
छह में एक काउंटर पर भीड़, अन्य पर कर्मी गायब

दरभंगा। शहर के लहेरियासराय स्थित जिला निबंधन कार्यालय में जमीन संबंधित खरीद-बिक्री सहित किसी भी तरह की संपत्ति एवं डीड कार्य को ले रोजाना कम से कम 500 लोग आते हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण की टीम ने कार्यालय के अंदर चल रहे गतिविधियों का पड़ताल की। सुबह के 10 बजे से शहर सहित दूरदराज प्रखंडों से जमीन की खरीद बिक्री एवं संपत्ति संबंधी कार्य के लिए लोगों का आना शुरू हो चुका था। 11.35 बजे कार्यालय स्थित “मे आई हेल्प यू'' सेंटर बंद पाया गया। निबंधन कार्यालय में कुल 128 निबंधित कातिब हैं। निबंधन सहित अन्य कार्य के लिए यहां छह काउंटर है। जहां 11. 45 बजे काउंटर नंबर एक पर लोगों की सबसे ज्यादा भीड़ मिली। अन्य काउंटर पर कर्मी गायब मिले। 11.50 बजे से ही बिचौलियों की हलचल शुरू हो गई। जमीन खरीद-बिक्री कार्य के लिए मौजूद हायाघाट निवासी रमेश झा कहते हैं कि ऑफिस खर्च के नाम पर संबंधित कर्मियों को हजारों रुपये देने पड़ रहे हैं। नहीं देने की स्थिति में काम अटकने का डर बना रहता है। इसलिए पैसे दे देते हैं। समस्तीपुर जिले के सरायरंजन निवासी मो. मुस्तफा ने बताया कि पिछले 10 दिनों से 1975 के समय रजिस्ट्री की गई अपनी जमीन का रिकार्ड देखने के लिए आ रहा हूं। कातिब को इसके लिए पैसे भी दिए थे। लेकिन अभी तक काम नहीं हुआ। वहीं 25 फीसद ऐसे लोग निबंधन कार्यालय आते हैं जिन्हें अपनी संपत्ति संबंधित कार्य किस काउंटर पर कराना है यह तक मालूम नहीं होता है। जिस चलते ऐसे लोग बिचौलियों के शिकार हो जाते हैं और मोटी रकम देकर अपना काम कराने को मजबूर हो जाते हैं। जबकि बिचौलियों के रोकथाम के लिए परिसर में बैनर के माध्यम से सूचना दी हुई है। बावजूद समय से पहले कार्य कराने के चक्कर में लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। जहां एक रुपये भी नहीं देना होता है वहां हजारों रुपये ऐंठ लिया जाता हैं। सरकार की तमाम कसरत के बावजूद बिचौलियों का खेल नहीं रुक रहा है। बिचौलिये यहां आए लोगों से खुलेआम यह तक कहते नजर आए कि समय बचाना है फटाफट पैसे दीजिए ऊपर तक पैसे पहुंचाने पड़ते हैं। बता दें कि पिछले डेढ साल से जिला अवर निबंधक के सख्त रवैये से बिचौलियों व दलालों में हड़कंप मचा हुआ है। बावजूद किसी न किसी तरह उगाही का यह खेल चल ही रहा है। बिचौलियों के रोकथाम के लिए कार्यालय परिसर में अवर निबंधक व संबंधित कार्य के निबंधक अधिकारी के मोबाइल एवं फोन नंबर सार्वजनिक किये गए हैं। ताकि जानकारी के अभाव में परेशान लोग संबंधित अधिकारी से समय लेकर सीधे काम करा सकते हैं।

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