संगीत विधा में रोजगार की संभावना: वीसी
लनामिविवि के संगीत एवं नाट्य विभाग में संगीत विषयक प्रायोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार ¨सह ने कहा कि संगोष्ठी के विषय संगीत : कला एवं व्यवसाय आज के परिप्रेक्ष्य में अत्यंत महत्वपूर्ण व उपयोगी है। ऐसे आयोजनों की भूरि-भूरि प्रशंसा की जानी चाहिए।
दरभंगा। लनामिविवि के संगीत एवं नाट्य विभाग में संगीत विषयक प्रायोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार ¨सह ने कहा कि संगोष्ठी के विषय संगीत : कला एवं व्यवसाय आज के परिप्रेक्ष्य में अत्यंत महत्वपूर्ण व उपयोगी है। ऐसे आयोजनों की भूरि-भूरि प्रशंसा की जानी चाहिए। इस तरह की संगोष्ठी का लाभ हमारे प्रतिभागी अधिकाधिक उठा सकते हैं। जिसमें पूरे देश-भर से इतनी बड़ी संख्या में विषय विशेषज्ञ उपस्थिति हो रहे हैं। बीज भाषण देते हुए प्रो. पंकजमाला शर्मा ने वैदिक कालीन संगीत कला व व्यवसाय से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी दी। जो वैदिक कालीन संगीत के जिज्ञासुओं और शिक्षार्थियों के लिए बहुपयोगी सिद्ध हुई। इस सत्र में प्रोवीसी प्रो. जय गोपाल, कल्पना झोकरकर, डॉ. तापसी घोष व विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी डॉ. केके साहु ने विचार रखे।विभागाध्यक्षा एवं संकायाध्यक्ष प्रो. लावण्य कीर्ति ¨सह काव्या ने आगत अतिथियों व विशेषज्ञों का परम्परागत ढंग से स्वागत किया। इससे पूर्व विभाग के छात्र - छात्राओं ने कुलगीत प्रस्तुत की। जिसमें अन्नपूर्णा, कंचन, बब्ली, पूजा, प्रियाराज, गुड़िया, अनुज, कौशिक मल्लिक और शिव नारायण महतो की सहभागिता थी।