मधुबनी सीट से प्रत्याशी की घोषणा तक करेंगे प्रतीक्षा : फातमी
दरभंगा । राजद के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने बुधवार को भी अपने
दरभंगा । राजद के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने बुधवार को भी अपने पत्ते नहीं खोले। बहुद्देशीय भवन के सभागार में दरभंगा एवं मधुबनी लोकसभा क्षेत्र से जुटे हजारों समर्थकों के बीच इतना जरूर कहा कि महागठबंधन मधुबनी सीट से जब तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं करता है तब तक वह प्रतीक्षा करेंगे। घोषणा के बाद ही अपने समर्थकों की सलाह पर कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिद्दीकी साहब (अब्दुल बारी सिद्दीकी) ने हमको प्रस्ताव दिया था कि मधुबनी से मैं और दरभंगा से आप दोनों लगातार दो चुनाव हार चुके हैं। इसलिए इस बार सीट बदल लीजिए। आप मधुबनी जाइए और हमको दरभंगा आने दीजिए। इसके बाद मुंबई जाकर लालू यादव से मिला। सिद्दीकी के प्रस्ताव से अवगत कराया। सिद्दीकी को दरभंगा से टिकट दे दिया गया। मधुबनी की उम्मीदवारी अभी भी लटकी हुई है। वह सीट घटक दल को दी गई है। अब वह क्या करता है, यह देखने वाली बात होगी। उन्होंने चार चुनाव लाख मतों से अधिक अंतर से जीता। तीन चुनाव हजार के अंतर से हारा। मोदी लहर में भी मात्र 36 हजार वोटों से हारा। वह चुनाव क्यों हारा आप लोग जानते हैं, पार्टी के कुछ लोगों ने ही उसमें गद्दारी की थी। इस बार तीन चुनाव हारने वाले और पार्टी तोड़ने वालों को टिकट मिला है। जबकि उनका टिकट काट दिया गया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि खून से भी मजबूत रिश्ता दोस्ती का होता है आपने जो दोस्ती निभाई है उसे मैं याद रखूंगा। सभा में खचाखच भीड़ थी और लोग उत्साह से फातमी जिदाबाद के नारे लगा रहे थे।उनका कहना था कि जब तीन-तीन बार चुनाव हारे उम्मीदवारों को पार्टी टिकट दे रही है तो फिर फातमी साहब का टिकट क्यों काटा गया। उनमें पार्टी नेतृत्व को लेकर भी खासा आक्रोश था। वे फातमी से मधुबनी के अलावा दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की बार-बार मांग कर रहे थे। मौके पर राजद किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रामनरेश यादव, पूर्व जिप अध्यक्ष भोला सहनी, नारद यादव, शत्रुधन यादव, मुस्लिम बेदारी कारवां के नजरे आलम, जिला राजद प्रवक्ता राशिद जमाल, मुखिया इरशाद आलम आदि मौजूद रहे।