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परीक्षा से दो दिन पहले ही वायरल हुआ बीसीए पार्ट वन का प्रश्न पत्र

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार मामला प्रश्न पत्र लीक होने का है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 11:45 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 11:49 PM (IST)
परीक्षा से दो दिन पहले ही वायरल हुआ बीसीए पार्ट वन का प्रश्न पत्र
परीक्षा से दो दिन पहले ही वायरल हुआ बीसीए पार्ट वन का प्रश्न पत्र

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार मामला प्रश्न पत्र लीक होने का है। सीएम कॉलेज में संचालित बीसीए कोर्स के पार्ट वन की चार जुलाई को होने वाले बिजनेस अकाउंटिग पत्र का प्रश्न पत्र परीक्षा से दिन पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। परीक्षा के दिन मामला का खुलासा हुआ तो विवि प्रशासन में हड़कंप मच गया। उसके बाद विश्वविद्यालय ने चार जुलाई की बिजनेस अकाउंटिग की परीक्षा को रद कर दिया है। मामले की जांच के लिए कमेटी भी बना दी गई है। बता दें कि बीसीए पार्ट वन की परीक्षा 14 जून से विवि के नरगौना स्थित स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग केंद्र पर चल रही थी। गुरुवार को अंतिम पत्र की परीक्षा थी। जानकारी के अनुसार प्रश्न पत्र परीक्षा से दो दिन पहले यानी की दो जुलाई की दोपहर को ही वायरल हो गया था। हालांकि, केंद्राधीक्षक डॉ. आइके राय इससे इन्कार करते हैं। डॉ. राय के अनुसार बुधवार को परीक्षा के दौरान गलती से पार्ट वन का पैकेट खुल गया और कुछ प्रश्न पत्र छात्रों में बंट गए। उसी दौरान किसी ने चुपके से प्रश्न पत्र का फोटो खिच लिया और इसे वायरल कर दिया। लेकिन, सवाल उठता है कि यदि परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र की तस्वीर ली गई तो क्या परीक्षा कक्ष में छात्रों को कैमरा युक्त मोबाइल लेकर जाने की अनुमति थी। अगर, केंद्राधीक्षक की बात मानी जाए तो परीक्षा की व्यवस्था सवालों के घेरे में है। हालांकि, जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार प्रश्न पत्र बीसीए लायन्स 2018 नामक वाट्सएप ग्रुप पर दो जुलाई को दिन के 2.32 बजे 9570321050 नंबर से पहली बार पोस्ट किया गया। उसके बाद कई अन्य नंबरों से यह प्रश्न वायरल होता रहा। ग्रुप में प्रश्न पत्र लीक होने के बाद ग्रुप में शामिल छात्रों के बीच इसको लेकर काफी बातचीत भी हुई। प्रश्न पत्र को किसी जानकार से हल कराने पर भी चर्चा हुई। बहरहाल, इस मामले ने विवि के परीक्षा विभाग की कार्यशैली पर एक बार फिर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।

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कॉलेज के छात्र संघ ने किया पर्दाफाश :

प्रश्न पत्र लीक होने का पर्दाफाश सीएम कॉलेज के छात्र संघ सदस्यों ने किया। प्रश्न पत्र वायरल होने की जानकारी सबसे पहले कॉलेज के छात्र संघ कोषाध्यक्ष मुकुंद चौधरी व काउंसिल मेंबर जय प्रकाश झा को हुई। जानकारी मिलने के बाद दोनों गुरुवार को परीक्षा केंद्र पर पहुंचे और अपने एक साथी के मोबाइल में उक्त ग्रुप को खंगाला। प्रश्न पत्र लीक होने की बात सही पाए जाने पर इसकी सूचना विवि प्रशासन को दी गई। परीक्षा से एक दिन पहले केंद्र पर जाता है प्रश्न पत्र :

विवि की मौजूदा व्यवस्था यह है कि परीक्षा से एक दिन पूर्व प्रश्न पत्र परीक्षा केन्द्रों पर भेज दिए जाते हैं। यानि की लगभग 24 घंटे प्रश्न पत्र संबंधित केंद्राधीक्षक के जिम्मे में रहता है। इस दौरान अगर केन्द्राधीक्षक या उनके विश्वासी चाहे तों प्रश्न पत्र को आसानी से लीक कर सकते हैं। प्रेस में छपने के बाद प्रश्नपत्रों को परीक्षा विभाग में स्टॉक किया जाता है जहां से परीक्षा केन्द्रों पर भेजा जाता है। अगर प्रश्न पत्र 2 जुलाई को ही लीक हुआ तो ऐसे में केंद्र से प्रश्न पत्र लीक होने की संभावना नहीं दिखती। सवाल उठता है कि आखिर प्रश्न पत्र लीक हुआ कहां से। यह पता लगाना विवि प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। प्रश्नपत्रों की बिक्री का कोई प्रमाण प्राप्त नहीं हुआ है। परीक्षा रद, अब 12 को होगी परीक्षा :

प्रश्न पत्र लीक होने की पुष्टि होते ही विवि प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गुरुवार को हुई बिजनेस अकाउंटिग पत्र की परीक्षा को रद कर दिया है। अब इस पत्र की परीक्षा फिर से 12 जुलाई को स्नातकोत्तर रसायनशास्त्र विभाग में होगी। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशोक कुमार मेहता ने इसकी पुष्टि की है। इधर, प्रतिकुलपति प्रो. जय गोपाल ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी में शामिल सदस्यों का नाम गुप्त रखा गया है। कमेटी को जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश प्रोवीसी ने दिया है।


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