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संस्कृत शिक्षा के प्रति बढ़ रहा छात्रों का आकर्षण

दरभंगा। कामेश्वर ¨सह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में सीबीसी सिस्टम लागू होने के बाद भी नामांकन प्रतिशत में वृद्धि हुई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 04:44 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 04:44 PM (IST)
संस्कृत शिक्षा के प्रति बढ़ रहा छात्रों का आकर्षण
संस्कृत शिक्षा के प्रति बढ़ रहा छात्रों का आकर्षण

दरभंगा। कामेश्वर ¨सह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में सीबीसी सिस्टम लागू होने के बाद भी नामांकन प्रतिशत में वृद्धि हुई है। इस विश्वविद्यालय में वर्तमान में साहित्य, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, दर्शन, व्याकरण एवं वेद विषयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई होती है। लेकिन, पिछले कई सत्रों इन विभागों में नामांकन की स्थिति संतोषजनक नहीं रही है। जितने कुलपति आए प्राय: सभी ने इसके लिए प्रयास किया। बावजूद नामांकन दर बढ़ाने में कामयाब नहीं हो सके। दूसरी ओर दिन ब दिन संस्कृत महाविद्यालयों में भी नामांकन दर में गिरावट आ जाने ने संस्कृत प्रेमी की परेशानी बढ़ा दी। पहले के दो- तीन कुलपतियों ने तो नामांकन में वृद्धि के लिए सामाजिक स्तर पर प्रयास भी प्रारंभ किया। इस सबका भी कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। वर्तमान कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने इस बात पर गंभीर ¨चतन कर इसके लिए सबसे पहले स्नातकोत्तर के शिक्षकों को प्रेरित करना प्रारंभ किया। उनका मानना था कि छात्र एवं समाज में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का विश्वास जगा कर ही नामांकन दर बढ़ेगा। शिक्षकों ने भी अपना ज्ञान चक्षु को पुन: खोलकर छात्रों को पढ़ाने में प्राण-पण से लग गए। इसका त्वरित प्रभाव भी देखने को मिला। शैक्षणिक सत्र 2018-20 में सभी विभागों में नामांकन दर में वृद्धि हुई। हालांकि, यह वृद्धि सीट के हिसाब से संतोषजनक नहीं है। फिर भी नहीं से तो कुछ अच्छा होता है। अगर कम शिक्षक के रहने के बावजूद जब कुछ परिवर्तन हुआ तो अब प्राय: सभी विभागों में अंशकालिक शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है। ये सारे शिक्षक अभी पढ़ने- पढ़ाने की स्थिति में हैं। ऐसे में इस विवि का भविष्य उत्तम जान पड़ता है। वैसे संस्कृत शिक्षा के प्रति आकर्षण जगाने के लिए विवि प्रशासन अभी और कई और प्रयास करने वाला है।

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किस विभाग में कितना हुआ नामांकन : संस्कृत विवि के स्नातकोत्तर विभागों में दो सत्रों में नामांकन दर को देखते हुए अब विभागीय शिक्षक भी उत्साहित नजर आ रहे हैं। साहित्य विभाग में सत्र 2017-19 में 49 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ था। जबकि, सत्र 2018-20 में 75 छात्रों का नामांकन हुआ है। कुल सीट 120 है। इस विभाग में पहले से स्थायी पांच शिक्षक थे। दो अंशकालिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। धर्मशास्त्र में पिछले सत्र में मात्र 6 छात्र नामांकित थे। इस बार 10 छात्रों का नामांकन हुआ है। यहां 4 स्थायी शिक्षक हैं। ज्योतिष विभाग में फलित एवं गणित ज्योतिष को मिलाकर 16 नामांकन हुआ है। पिछले सत्र में यह क्रम 9 और 13 का था। विभाग में 4 स्थायी शिक्षक हैं। दो अंशकालिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। दर्शन विभाग अपने स्टेटस में कमी नहीं दिया है। पिछले सत्र में 3 नामांकन था इस बार भी उतना हो चुका है। विभाग में सभी 5 अंशकालिक शिक्षक ही हैं। व्याकरण विभाग में दो छात्रों का पिछले सत्र से इजाफा हुआ है। इस सत्र में 22 नामांकन हो चुका है। विभाग में 4 स्थायी एवं एक अंशकालिक शिक्षक हैं। वेद विभाग में पिछले सत्र में 9 नामांकन हुआ था। इस सत्र में 14 नामांकन हुआ है। विभाग में 3 स्थायी एवं एक अंशकालिक शिक्षक हैं।


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